पीएल पुनिया नहीं मिटा पाए दूरियां, जानिए खबर
देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के खिलाफ पार्टी नेता और विधायकों की नाराजगी बढ़ती ही जा रही है। हालांकि, पार्टी में दो फाड़ की स्थिति को देखते हुए कांग्रेस आलाकमान ने पीएल पुनिया को पर्यवेक्षक बनाकर उत्तराखंड भेजा है, लेकिन देवेंद्र यादव के खिलाफ कांग्रेस विधायकों में नाराजगी कम होने का नाम नहीं ले रही है। प्रीतम सिंह, तिलक राज बेहड़ के बाद अब द्वाराहाट विधायक मदन बिष्ट ने प्रदेश प्रभारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
गौरतलब है कि कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी पर लगाम लगाने के लिए केंद्र ने पर्यवेक्षक पीएल पुनिया को देहरादून भेजा है। पार्टी मुख्यालय में पुनिया ने बंद कमरे में एक-एक करके विधायकों, जिला अध्यक्षों और कांग्रेसी नेताओं से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने सभी से संगठन के कामकाज और आगामी चुनावों को लेकर विचार विमर्श किया। वहीं, इस मलाकात के बाद बाहर आए द्वाराहाट से कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट ने प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इतना ही नहीं कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट ने प्रदेश प्रभारी को हटाए जाने की भी मांग उठाई। मदन बिष्ट ने कहा 2022 की चुनावी हार के बाद जब सीएलपी लीडर और प्रदेश अध्यक्ष को हटा दिया गया तो, फिर प्रभारी को क्यों नहीं हटाया गया? उन्होंने प्रदेश प्रभारी पर जमकर निशाना साधा। मदन ने कहा प्रभारी को किसी के साथ भी पार्टी नहीं बनना चाहिए। उन्होंने कहा प्रभारी पूरे स्टेट के प्रभारी होते हैं, ऐसा नहीं होता है कि प्रभारी चार लोगों की बात सुनकर कोई निर्णय ले, कांग्रेस पार्टी में प्रभारी सबके लिए बराबर होना चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी नाराजगी जताई की वही प्रभारी टिकट भी बांटते हैं और वही प्रभारी पर्यवेक्षक के साथ उत्तराखंड दौरे पर आए हैं। उन्होंने कहा यह उचित नहीं है कि टिकट भी वही बाटेंगे और समीक्षा भी वही करेंगे। इतना ही नहीं आलाकमान को रिपोर्ट भी वहीं सौपेंगे। इसलिए मदन बिष्ट ने साफ कहा कि कांग्रेस आलाकमान को तत्काल उत्तराखंड कांग्रेस प्रभारी को हटा देना चाहिए। मदन बिष्ट ने पर्यवेक्षक पीएल पुनिया के साथ उत्तराखंड दौरे पर आए प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव की मौजूदगी पर भी अनभिज्ञता जाहिर की। उन्होंने कहा भले ही केंद्र ने पर्यवेक्षक भेजे हुए हैं, हो सकता है कि कांग्रेस प्रदेश प्रभारी भी उनके साथ आए होंगे, लेकिन यह हमारी नॉलेज में नहीं है। क्योंकि विधायकों की बैठक पर्यवेक्षक के साथ हुई है।