वीर बाल दिवस समरसता व सामाजिक एकता का प्रेरणापुंजः राज्यपाल
देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने वीर बाल दिवस के अवसर पर कहा कि आज वीर साहिबजादों के त्याग, बलिदान, शौर्य व पराक्रम की पराकाष्टा को याद करने का दिन है जिन्होंने अपने राष्ट्र धर्म और अपनी संस्कृति के लिए सर्वाेच्च बलिदान दिया। उन वीर सपूतों ने हमें यह बताया कि एक समाज और राष्ट्र के लिए सर्वाेच्च बलिदान किस प्रकार होना चाहिए। सर्वाेच्च बलिदान का यह उदाहरण पूरी मानवता में अलग ही है। उन्होंने कहा कि नन्हें साहिबजादों ने क्रूर अत्याचारियों की बात नहीं मानते हुए सिख धर्म की उस महान परंपरा को आगे बढ़ाया जिसमें अन्यायी शासकों के सामने कभी न झुकने की महान शिक्षा दी है। वीर बाल दिवस के अवसर पर राजभवन में संस्कृत विश्वविद्यालय के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल ने बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह और माता गुजरी को श्रद्धांजलि अर्पित कर नमन किया। उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह के महान बलिदानी पुत्रों की शहादत को वीर बाल दिवस के रूप में मनाये जाने की सोच के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने ऐसे योद्धाओं के बलिदान को चिरस्थायी बनाने का जो कार्य किया है उसे युगों-युगों तक याद किया जाएगा। राज्यपाल ने कहा कि वीर बाल दिवस समरसता व सामाजिक एकता का प्रेरणापूंज है। उन्होंने कहा कि वीर बाल दिवस का संदेश पूरी दुनिया और मानवता को स्वाभिमानपूर्ण साहस और बलिदान से अवगत कराएगा। उन्होंने कहा कि यह दिवस राष्ट्र भक्ति के लिए करोड़ों बच्चों को प्रेरित करेगा। राज्यपाल ने कहा कि वीर साहिबजादों के बलिदान से हमें विषम परिस्थितियों में अपने आप को संयमित रखने की सीख मिलती है। उन्होंने कहा कि सिख धर्म, धर्म ही नहीं बल्कि राष्ट्रप्रेम की भावना के साथ जीवन जीने की सभ्यता है। सिख धर्म ने पूरे भारत को एक भारत, श्रेष्ठ भारत का मार्ग प्रशस्त किया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वीडियो संदेश के जरिये गुरु गोबिंद सिंह के चार वीर साहिबजादों को उनकी धर्म, निष्ठा, अनुकरणीय साहस और सर्वाेच्च बलिदान के लिए कोटि-कोटि नमन करते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति व धर्म की रक्षा के लिए दी गई इस शहादत जैसा दूसरा कोई उदाहरण शायद ही हमें कहीं और सुनने या देखने को मिलता हो।