खलांगा पर्यावरण को लेकर दून की सामाजिक संस्थाएं हुई एकजुट, जानिए खबर
देहरादून | खलांगा क्षेत्र में पर्यावरण के विनाश का सबब बनने वाल जलशोधन संयंत्र को निकटवर्ती क्षेत्र में लगाने की मांग पर दून की सामाजिक संस्थाएं एकजुट हुई। संयुक्त नागरिक संगठन की पहल पर संयंत्र निर्माण के लिए जिम्मेवार उत्तराखंड पेयजल संसाधन विकास और निर्माण निगम के राजेंद्र नगर कार्यालय में अधीक्षण अभियंता मोहम्मद वसीम अहमद सहित अन्य अधिकारियों के साथ आयोजित संवाद में विभाग द्वारा परियोजना का प्रस्तुतीकरण करते हुए बताया गया कि दून मे पेयजल आपूर्ति की बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु बांध प्रस्तावित है।संवाद में जिसका संचालन सुशील त्यागी ने किया मे पर्यावरण संरक्षकों ने सुझाव दिया कि सरकार की विकास योजनाओ में पर्यावरण संरक्षण विषय प्राथमिकता मे नही है।आज यह विषय जनहित में सर्वोपरि बनाया जाना जरूरी है।अन्यथा भावी पीढियो के साथ वन्य जन जीवन, पशु पक्षियों की भी जिंदगी खतरे में पड़ जाएगी। वक्ताओं ने कहा भूजल स्तर बढ़ाने के लिए विशाल स्तर पर वृक्षारोपण किया जाना ही एकमात्र उपाय है जिससे वर्षा के पानी को संरक्षित किया जा सकेगा।सौंग नदी जो अधिकतर सूखी ही रहती है,यहां बारिश का पानी रोक कर जलाशय उपयोगी हो सकता है, पर जलाशय भी, ग्लोबल वार्मिंग से हो रहे पर्यावरणीय नुकसान से कब तक लबालब भरे रहेंगे यह सुनिश्चित नहीं है। वक्ताओं ने कहा ग्रेविटी पर आधारित प्रस्तावित योजना पर पुनर्विचार करते हुए इसमें समाजिक संस्थाओ के सुझावों को शामिल कर ही अंतिम निर्णय लिया जाना आवश्यक होगा। वक्ताओं ने भूजल स्तर में गिरावट के लिए राजधानी में दिनोदिन उगते कंक्रीट के जंगलों को जिम्मेदार बताया और कहां अब यह सहनशक्ति से बाहर हो चुका है।आज के संवाद में मैती अभियान के पद्यश्री कल्याण सिंह रावत,गवरमैंट पैशनरस वेलफेयर संगठन के चौ.ओमवीरसिंह, आरटीआई क्लब के आर एस धुनता, सिटिजन फॉर ग्रीन दून के हिमांशु अरोडा,मैड के आर्यन कोहली, नेचर बड़ी के अभिषेक रावत,इको के आशीष गर्ग,दून सिख वेलफेयर सोसाइटी के जीएस जस्सल,रूलक के पूर्व संगठक अवधेश शर्मा, पर्यावरणविद मनोज ध्यानी, उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच के प्रदीप कुकरेती,बैंक एम्पलाइज यूनियन के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन मेहंदीरता, समानता मंच के विनोद नौटियाल,आदि शामिल थे।