अमृत काल में, भारत के स्वर्णिम काल का बजट : सीएम धामी
देहरादून | मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत की भूमिका ग्लोबल लीडर की बन गई है। केंद्रीय बजट 2023-24 का बजट मजबूत भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह अमृत काल का, भारत के स्वर्णिम काल का बजट है। आज जब अधिकांश देशों की अर्थव्यवस्थाएं लड़खड़ा रही हैं, ऐसे समय में पूरे विश्व की भारत से बहुत अपेक्षाएं हैं। इसी दिशा में ये बजट है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री जी का आभार व्यक्त करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को शानदार बजट प्रस्तुत करने के लिये बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में किये गये विभिन्न प्रावधानों और योजनाओ से उत्तराखण्ड को विशेष रूप से लाभ होने जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी, सीएम कैम्प कार्यालय के मुख्य सेवक सदन में आयोजित प्रेसवार्ता में केंद्रीय बजट 2023-24 पर बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में ’गरीबों और मध्य वर्ग का विशेष ध्यान रखा गया है। अब साल में 7 लाख रुपये तक की कमाई करने वालों को इनकम टैक्स नहीं देना होगा। नये आयकर स्लेब से मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा वर्ग को बहुत लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री आवास योजना के बजट में बढ़ोतरी से सबको मजबूत छत का स्वप्न पूरा होगा। महिलाओं के लिए नई बचत योजना का ऐलान किया गया है। इस पर 7.5 प्रतिशत सालाना की दर से ब्याज दिया जाएगा। किसानों के लिए यह बजट सौगात लेकर आया है। किसानों को 20 लाख करोड़ तक ऋण बांटने का लक्ष्य रखा है तो मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए श्री अन्न योजना की शुरुआत की है। एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड बनाया जाएगा ताकि कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जा सके। ’मत्स्य संपदा’ की नई उपयोजना में 6000 करोड़ के निवेश का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कौशल विकास योजना 4.0 की शुरूआत की जाएगी। युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय अवसरों के लिए कौशल प्रदान करने के लिए स्किल इंडिया नेशनल सेक्टर खोले जाएंगे। इंफ्रास्ट्रक्चर और निवेश पर सरकार ने 10 लाख करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। एयरपोर्ट्स, हेलिपोर्ट्स, वॉटर एयरोड्रॉम्स’ और एडवांस्ड लैंडिंग जोन्स का कायाकल्प किया जाएगा। इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए रोजगार सृजन किया जाएगा। जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए पीएमपीबीटीजी विकास मिशन शुरू किया जाएगा। शहरों में सफाई कर्मियों के लिए बड़ी घोषणा की गई है। नाले व सीवर के मैनहोल की सफाई अब मशीनों के द्वारा की जाएगी, जिसके चलते अब सफाईकर्मी को मेनहोल में नहीं उतरना होगा। आदिवासी क्षेत्रों में एकलव्य विद्यालयों’ में 38000 शिक्षकों और सहायक स्टाफ की भर्ती भी जाएगी। गरीबों को पांच किलो फ्री राशन को एक साल तक के लिए बढ़ा दिया है। मौजूदा 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ कोलोकेशन में 157 नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा ग्रामीण इलाके में डिजिटल लाइब्रेरी बनाने की भी घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय बजट में किये गये विभिन्न प्राविधानों से उत्तराखण्ड विशेष लाभ मिलने जा रहा है। केंद्रीय करों में राज्य का अंश बढ़ गया है। गत वर्ष के सापेक्ष यह लगभग 25 प्रतिशत की वृद्धि है। गत वर्ष केंद्रीय करों में राज्य का अंश लगभग 9130 करोड़ था जो अब लगभग 11428 करोड़ हो जायेगा। राज्यों को 50 वर्ष के लिये दिये जाने वाले ब्याज मुक्त ऋण को एक वर्ष के लिये पुनः विस्तारित किया गया है। प्रदेश के लिये यह महत्वपूर्ण अवसर है। प्रदेश के लिये कृषि महत्वपूर्ण क्षेत्र है। कृषि के क्षेत्र में ऋण की बढ़ोत्तरियों से मोटा अनाज और स्टार्ट अप को बढ़ावा दिया जायेगा। स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन और बिक्री के लिये प्रदेश ने यूनिटी माल स्थापित किया जा सकेगा। वित्त मंत्री जी ने अपने भाषण में मिलेट में मडुआ का नाम विशेष रूप से लिया। हमारी सरकार मडुआ के उत्पादन को बढ़ाने में लगातार प्रयास कर रही है। हमारे यहाँ रामदाना का भी उत्पादन किया जाता है। अन्न श्री योजना से इन अनाजों का उत्पादन करने वाले किसानों को फ़ायदा होगा।
बजट में 50 नये पर्यटन स्थल विकसित करने की व्यवस्था की गई है। यहाँ समस्त मूलभूत सुविधाएँ विकसित की जायेंगी। इससे हमारे प्रदेश में भी नये पर्यटन स्थल विकसित होंगे। स्वदेश दर्शन योजना से देश के प्रथम गाँवों को पर्यटन विकास से जोड़ा जायेगा। उत्तराखण्ड को चार नये नर्सिंग कालेज मिलेंगे। बजट में नई लैब,फ़ार्मा सेक्टर में निवेश बढ़ेगा। नर्सिंग में दक्ष युवाओं को रोज़गार के अवसर उपलब्ध होंगे। टियर-2 और टियर-3 शहरों के विकास के लिये राष्ट्रीय आवास बैंक से बजट मिलेगा। इससे उत्तराखण्ड के शहरों में बुनियादी सुविधाओं का विकास हो सकेगा। बजट में देश में 50 नये एअरपोर्ट की स्थापना से प्रदेश में नये एअरपोर्ट का विकास हो सकेगा नये हैलीपैड बन सकेंगे। इस योजना से प्रदेश में पर्यटन और रोज़गार दोनों के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। एकलव्य आवासीय विद्यालय में शिक्षक और कर्मचारियों की नियुक्ति से राज्य के एकलव्य आवासीय विद्यालय में लोगों को रोज़गार भी मिलेगा और नये एकलव्य आवासीय विद्यालय का निर्माण भी किया जा सकेगा।