अनाथ लड़के ने गरीबी से लड़ते हुए खड़ी की बड़ी कंपनी, जानिए खबर
पहचान कोना | कपड़े पहनने से इतर अगर किसी को कुछ अलग शौक होता है तो वो होता महंगे जूते या घड़ियों का | मार्केट में आपको कई तरह की सस्ती से लेकर महंगी घड़ियां मिल जाएंगी | वैसे अगर आप घड़ियों के शौकीन नहीं भी हों तो कहीं न कहीं किसी न किसी से रोलेक्स कंपनी के बारे में सुना ही होगा. फिर आगे आपने ये भी सुना होगा कि रोलेक्स वाच काफी महंगी होती हैं | जी हां, मार्केट में बिकने वाली घड़ियों में से रोलेक्स सबसे लग्जिरियस और महंगी घड़ियों में से एक है | रोलेक्स दुनिया की बेहतरीन लक्जरी ब्रांडों में से एक है जिसे अपनी बेहतरीन डिजाइन और क्वालिटी के लिए जाना जाता है | रोलेक्स की स्थापना हैंस विल्सडॉर्फ और अल्फ्रेड डेविस ने 1905 में की थी और तब से यह दुनिया भर में पसंदीदा घड़ियों में से एक बनी हुई है | 22 मार्च, 1881 को जर्मनी के कुलम्बैक में जन्मे हैंस विल्सडॉर्फ के पिता डेनियल फर्डिनेंड विल्सडॉर्फ एक हार्डवेयर स्टोर के मालिक थे | जब हैंस बारह वर्ष के थे तो उनके माता-पिता की मृत्यु हो गई थी | उसके बाद, उन्हें जीवन में बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और उन्होंने गरीबी भी झेली | लेकिन, हैंस के चाचा और उनके भाई-बहनों ने उनकी काफी मदद की | पढ़ाई पूरी करने के बाद हैंस स्विट्जरलैंड चले गए और वहां एक मोती व्यापारी के यहां काम करने लगे. बाद में उन्होंने घड़ी बनाना सीखा। 19 साल की उम्र में विल्सडॉर्फ ने घड़ियों की दुनिया में कदम रखा | उन्होंने अपने करियर की शुरुआत कुनो कोर्टेन नामक घड़ी बनाने वाली एक कंपनी से की जहां उनका काम ये देखना था कि घड़ियां सही समय बता रही हैं या नहीं? विल्सडॉर्फ ने यहीं से घड़ियों के बारे में विस्तृत जानकारी और इनके प्रोडक्शन के बारे सीखा |