तो अब बीजेपी के लिए अन्ना भी विदेशी एजेंट
लोकपाल आन्दोलन से पूर्ववर्ती यू.पी.ए. सरकार को हिला कर रख देने वाले और प्रसिद्ध समाजसेवी अन्ना हजारे को मध्य प्रदेश की भाजपा यूनिट की पत्रिका ‘चरैवेति’ में एक लेख के जरिए विदेशी एजैंट बताया गया है.
लोकपाल आन्दोलन के समय जो अन्ना बीजेपी के लिए गांधी के प्रतीक हुआ करते थे, आज भूमि अधिग्रहण कानून का विरोध करने के कारण वह विदेशी एजेंट हो गये है | इस लेख के सामने आते ही बीजेपी के नेताओ ने भी इसका बचाव करना शुरू कर दिया है |
भाजपा राज्य इकाई के नेता हितेश वाजपेयी का कहना है की विदेशी चंदों से चलने वाली ताकतों ने अन्ना का इस्तेमाल शुरू कर दिया है. सारा देश इस बात को जानता है, इसमें कुछ गलत नहीं है.लेख में यह भी कहा गया है कि अन्ना हजारे देश के ऐसे एन.जी.ओ. समूहों के मुखौटे हैं, जो विदेशी चंदे से देश की विकास योजनाओं में बाधा डालने के लिए जाने जाते हैं.
दूसरी और कभी अन्ना के साथी रहे आम आदमी पार्टी के नेताओ ने इस लेख को शर्मनाक पूर्ण बताया है, और कांग्रेस ने मोदी सरकार से इस लेख पर देश के सामने अन्ना से माफ़ी मांगने की मांग की है |