अनुज शेखर चमोली बने महिला कल्याण विभाग में अधिकारी, जानिए खबर
अनुज चमोली कई वर्षो से जरूरतमंद बच्चों के शिक्षा में ला रहे है उजाले
देहरादून | उत्तराखंड सचिवालय में कार्यरत समीक्षा अधिकारी अनुज शेखर चमोली का चयन उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित पीसीएस परीक्षा 2021 में केस वर्कर अधिकारी, महिला कल्याण विभाग में हुआ है।
सफर दर सफर अनुज चमोली…
अनुज चमोली ग्राम बरसूडी, जनपद रुद्रप्रयाग के मूल निवासी है। उनके पिताजी चंडी प्रसाद चमोली वर्तमान में जनपद रुद्रप्रयाग में मनरेगा लोकपाल के पद पर कार्यरत हैं, उनकी माता मंजुला चमोली गृहणी है। उनके बड़े भाई अनूप शेखर, कंप्यूटर साइंस में असिस्टेंट प्रोफेसर है और उनकी बहन अनामिका गढ़वाल यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रही हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा सरस्वती शिशु विद्या मंदिर जोशीमठ/रुद्रप्रयाग से हुई, इसके बाद उन्होंने बी.एस.सी डीबीएस पीजी कॉलेज देहरादून से एवम श्री देव सुमन यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र में परास्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की। अनुज को किताबें पढ़ना, ट्रेकिंग करना, क्रिकेट खेलना और सामाजिक कार्य करना पसंद है। उन्होंने वर्ष 2015 एवम 2016 में एस.एस.सी. सीजीएल की परीक्षा पास की, जिसके बाद 1 साल शहरी विकास मंत्रालय, भारत सरकार में काम किया। उनका चयन वर्ष 2019 में *नायब तहसीलदार* पद पर भी हुआ था लेकिन माता जी के स्वास्थ्य खराब होने के कारण वर्ष 2019 में उन्होंने *समीक्षा अधिकारी, उत्तराखंड सचिवालय* का चयन किया और वर्तमान में यहीं कार्यरत हैं। वे विभिन्न कार्मिक संगठनों में विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं।अपने कॉलेज के दिनो से ही वे गरीब बच्चों को फ्री ट्यूशन पढ़ाते थे। अनुज चमोली प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे बच्चों को फ्री कोचिंग एवम गाइडेंस देते हैं। वे कई तरह के सामाजिक संगठनों से भी जुड़े है एवम पिछले कई वर्षों से वे गरीब, वंचितों की मदद करते आ रहे हैं। पिछले 4 सालों में अपनी टीम के साथ उन्होंने लगभग 1000 से अधिक पेड़ लगाए जिसमे इस साल लगाए लगभग 500 पेड़ शामिल रहे, पिछले कई वर्षों से वे सर्दियों में बेघर लोगों को कम्बल बांटते आ रहे हैं। वे स्ट्रीट डॉग्स जो सर्दियों में रात को गाड़ी की टक्कर से घायल या मर जाते हैं, उनकी मदद के लिए कुत्तों के गले में डॉग्स रिफ्लेक्टिव कॉलर भी लगाते हैं ताकि रात को गाड़ी वालों को उनके कॉलर की चमक दिखाई दे और उनका एक्सीडेंट न हो, साथ ही हर दिन 15_ 20 जानवरों को खाना भी खिलाते हैं। अपने माता पिता और अपनी बहन को वे अपना प्रेरणाश्रोत मानते हैं। अनुज शेखर के चयन से उत्तराखंड सचिवालय में खुशी की लहर विद्यमान है |