बौद्धिक संपदा अधिकार पर कार्यशाला हुआ संपन्न, जानिए खबर
देहरादून | विधि विभाग एसआरटी परिसर हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा बौद्धिक संपदा अधिकार पर दिनांक 16 फरवरी 2023 को बौद्धिक संपदा अधिकार पर ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया ।कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए स्कूल ऑफ लॉ के विभागाध्यक्ष एवं संकाय प्रमुख प्रो ए के पांडे द्वारा बौद्धिक संपदा अधिकार से जुड़े कॉपीराइट ,पेटेंट, डिजाइन, ट्रेडमार्क आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई ।उन्होंने बौद्धिक संपदा अधिकार के महत्व को बड़े ही विस्तार से बताया ।तत्पश्चात कार्यक्रम के संयोजक डॉ सुधीर कुमार चतुर्वेदी द्वारा कार्यशाला के विषय बिंदु पर विस्तार से चर्चा की गई उन्होंने यह बताया यह कार्यक्रम राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा जागरूकता मिशन के तहत देश भर में आयोजित किए जा रहे हैं। आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष में इस कार्यक्रम की शुरुआत दिसंबर 2021 में की गई है तथा बौद्धिक संपदा अधिकार पर जागरूकता संबंधी कार्यक्रम विश्वविद्यालयों/संस्थाओं में समय- समय पर आयोजित किये जा रहे हैं। परिसर प्रभारी निदेशक प्रो एम एम एस नेगी जी ने यह बताया कि बौद्धिक संपदा अधिकार की जानकारी रखना प्रत्येक व्यक्ति के लिए जरूरी है ।साथ ही यह भी बताया कि इन अधिकारों के बारे में लोगों के बीच जागरूकता की जरूरत है आज इसका महत्व दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है नए-नए इन्नोवेटिव आईडियाज आ रहे हैं इनको पेटेंट कराने से रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। तत्पश्चात कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एग्जामिनर ऑफ पेटेंट एंड डिज़ाइन ,पेटेंट आफिस मिनिस्ट्री आफ कमर्स एंड इंडस्ट्री ,बौद्धिक संपदा अधिकार विभाग नई दिल्ली के यशीर अब्बाश जैदी द्वारा बौद्धिक संपदा अधिकार पर विस्तार से जानकारी प्रदान किया गया उन्होंने बौद्धिक संपदा क्या है,इसके कितने प्रकार होते हैं, इसका उपयोग क्या है तथा शोध में सर्चिंग के महत्व क्या क्या है इसको भी बड़े विस्तार से बताया। साथ ही यह भी बताया कि पेटेंट आवेदन कैसे किए जाते हैं,पेटेंट कैसे कराए जाते हैं, पेटेंट पंजीकरण के महत्व और इसकी विधि से भी अवगत कराया। इन्होंने कॉपीराइट का उल्लंघन करने की प्रवृत्ति को रोकने के बारे में भी बताया तथा शोध कार्य में मौलिकता पर जोर देने की बात कही इन्होंने अपने वक्तव्य में व्यापार चिन्ह व डिजाइन अधिनियम व ज्योग्राफिकल इंडिकेशन के बारे में भी उनकी उपयोगिता को उदाहरण सहित विस्तार से बताया ।मुख्य वक्ता द्वारा यह भी बताया गया कि बौद्धिक संपदा अधिकार के द्वारा व्यक्तिगत हितों की सुरक्षा कैसे की जाए तथा इस विषय में स्वरोजगार की संभावनाओं को भी विस्तार से बताया । कार्यक्रम का संचालन मॉडरेटर के रूप में विधि विभाग एसआरटी परिसर के शोध छात्र अनुज कुमार सिन्हा द्वारा किया गया तथा धन्यवाद ज्ञापन विधि विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ हिमानी बिष्ट द्वारा दिया गया ।इस कार्यक्रम में प्रो सुभाष चंद्र गुप्ता विभागाध्यक्ष विधि विभाग पौड़ी परिसर ,डॉ राम प्रकाश,विधि पौड़ी परिसर ,डॉ ममता राणा, विधि विभाग टिहरी परिसर अन्य विभाग के शिक्षक, शोधार्थी ,छात्र-छात्राएं सहित लगभग 100 प्रतिभागी उपस्थित रहे।