एक साल केजरीवाल…..
भाजपा और काँग्रेस जैसे पार्टियो को हार से भी अधिक हार का स्वाद चखाने वाली आम आदमी पार्टी को पुरे एक साल हो गए है | इन एक साल में केजरीवाल सरकार की उपलब्धिया और कमिया जानने के लिए मीडिया जितनी उत्साहित है शायद देश की जनता भी अन्य राज्यो के काम काज की लेखा-जोखा साल पुरे होने पर उनकी भी कमिया और उपलब्धियां जानने को उत्साहित है | जिस तरह से मीडिया द्वारा केजरीवाल सरकार के हिट या फ्लाफ होने की खबरे और इस पर चर्चा का जो नगाड़ा बजा रही है क्या यह नगाड़ा अन्य राज्यो के साल…
मुझे समान शिक्षा का अधिकार चाहिए ….
देशभर में विकलांग वर्ग की कहानी उसी जुबा को दोहराती है जहाँ समाज , समाजिक और सम्मान जैसे शब्द गूँजते रहते है | समाज में रहने वाले सभी वर्गो के लोग अपने जीवन को कुशलता पूर्वक चलाने के लिए कुछ अपेक्षाएं सरकार के साथ साथ आस पड़ोस से भी रखती है | इन्ही अपेक्षाओं की आस लिए विकलांग वर्ग आज भी एक अच्छी राह देख रहे है | विकलांग वर्ग की अपेक्षाएं धराशायी होने की पहली सीढ़ी शुरूआती शिक्षा में भेदभाव | विकलांग बच्चों के लिए प्रारम्भिक शिक्षा की सभी सरकारी सुविधाए कागजी शो पीस बनी हुई है कारण भेदभाव…
कब बदलेगा सरकारी कामकाज के तरीके ?
पुरे देश की सरकारी काम काज करने का तरिका और सरकारी भवनों का ढांचा आज भी लोगो को मुंह चिड़ा रही है | आज की युवा पीढ़ी सरकारी काम के लिए सरकारी विभागों में जाने से कतराते है | कारण सरकारी कर्मचारियो का उदासीन काम करने का तरीका होना और उनकी बोली युक्त व्यवहार का विदमान होना है | सरकारी विभागों की तुलना प्राइवेट विभागों से करे तो बहुत ही अधिक अन्तर देखने को मिलता है | केंद्र सरकार के साथ साथ राज्य सरकारे भी इस पर अमल कर कुछ ऐसी ठोस प्रणाली बनाए जिससे जनता को एक अच्छी सर्विस…
खेल संगठनो में हो नेताओ की नो एंट्री
खेल और खिलाड़ियों का हश्र दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है | कारण एक ही है वह है देश के नेताओ का खेल संगठन में हस्तक्षेप | इसको लेकर अभी हाल ही में बने एक आयोग द्वारा दी गई रिपोर्ट में भी खेल संगठनो के पदों पर नेताओ की नो एंट्री का मोहर लगा चुका है | आयोग द्वारा कहा गया की नेताओ का हस्तक्षेप जल्द से जल्द रोका जाए अन्यथा खेल और खिलाड़ियों का स्तर और प्रातिभा का ग्राफ गिरता चला जाएगा | उदाहरण के तौर पर खेल संगठनो में अनेको भ्रष्टाचार और खिलाड़ियों की दशा आपके सामने विद्धमान…
राजनेता और समाजसेवी त्यौहार बधाई सन्देश के फंड का उपयोग गरीब जनता में करे
देश में होली, दीपावली, ईद, नववर्ष, के साथ साथ स्वतन्त्रता दिवस, गणतंत्र दिवस एवम् अन्य त्योहारों को लेकर आम जनता बधाई सन्देश एक दूसरे से मिलकर एवं सोशल मीडिया के माध्यम से देते है | लेकिन हमारे देश के नेता , राजनीति पार्टिया एवम् समाजसेवी शहरो में बडे बड़े होर्डिंग एवम् मीडिया के माध्यम से जनता को बधाई का सन्देश देते है | बधाई सन्देश का ऐसा माध्यम अपनाते है जहा लाखो रुपये स्वहा हो जाते है | जहा तक मेरी सोच विद्धमान होती है यदि हमारे देश के नेता,राजनीतिक पार्टिया, सामाजिक संगठन और समाजसेवी अपने बधाई संदेशो पर किये…
सड़क दुर्घटना ,समाज और मानवता
अरुण कुमार यादव | आज के समय में इंसानो की मानवता इतनी गिर जायेगी ऐसा किसी ने सोचा भी नही होगा | जी हां बात हो रही है आज के कलयुगी इंसानो की | आखिर ऐसी क्या वजह है दुर्घटना होने पर घायल लोगो के सहायता पर एक भी हाथ आगे नही आती है | निर्भया काण्ड से लेकर अभी हाल ही में नोएडा हाइवे और मोदीनगर के पास सड़क हादसे में घायल लगातार लोगो की मदद के लिए गुहार लगाते रहे लेकिन एक भी शख्स ने मदद का हाथ नही बढ़ाया | नतीजा इन घटनाओ में घायल शख्स अब…
स्मार्ट सिटी और स्मार्ट राजनीति को छोड़ स्मार्ट सोच तो लाये ज़नाब
चाय बागान पर स्मार्ट सिटी को लेकर जिस तरह से सभी संगठनो का विरोध किया जा रहा है वह कितना जायज़ या कितना जायज़ नही है इसमें बहस उचित नही है | बहस उचित होती है इस प्रोजेक्ट को लेकर भ्रष्टाचार की और बहस उचित है इस स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को लेकर पर्यावरण की | यही नही कहि न कहि बहस उचित है राज्य के विकास की | राज्य के विकास को लेकर सरकार के साथ साथ सभी संगठनो को उचित रास्ते निकालने चाहिए किस तरह इस प्रोजेक्ट को भ्रष्टाचार मुक्त किया जाय | स्मार्ट सिटी बनाने में हो रहे…
पर्यावरण को लेकर जनता भी हो गम्भीर
अरुण कुमार यादव (संपादक ) आज जहाँ पुरे विश्व में पर्यावरण को लेकर सभी देशो के समाजिक संगठनो के ऊपर चिन्ता की लकीरे दिख रही है वही पुरे विश्व की जनता इसके प्रति गंभीर नही दिखती | इसके साथ साथ कहि न कहि विकास को रास्ता बना कर जीवन की सुख सुविधाओ का परोसना भी पर्यावरण के लिए हानिकारक बनाया जा रहा है | बैज्ञानिको द्वारा बताया जा रहा है की आने वाले बीस सालो बाद लोगो को साँस लेना भी दुर्भर हो जाएगा | अपने देश में दिल्ली जहाँ सबसे अधिक पर्यावरण दूषित युक्त शहर है वही अन्य देशो…
गरीबी , महगाई और विकास के प्रति सहिष्णुता तो दिखाओ माननीयों
अरुण कुमार यादव (संपादक) हमारा देश अनेकता में एकता जैसे स्वरूपो को अनेको बार पूरे विश्व के सामने प्रदर्शित किया है | फिर भी देश में असहिष्णुता और सहिष्णुता को लेकर देश का माहोल इन्ही के बीच फसाने की कोशिश नेताओ द्वारा किया जा रहा है |अब संसद को ही देख ले जिस संसद में जनता के लिए नेताओ द्वारा नीतिया और जनता से जुडे अनेक मुद्दों पर बहस के साथ साथ कानून बना कर बिल पास होने चाहिए वहाँ पर ऐसी बहस चल रही है जो न तो जनता को महँगाई से छुटकारा दिला पाएगी और न ही विकास…
सरकारी टीचर , चुनाव , और जनगणना
अरुण कुमार यादव (संपादक) जिस तरह से देश शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने का भरपूर कोशिश कर रही है ठीक उसी प्रकार से देश में सरकारी टीचरो की वेतन का भरपूर उपयोग कर रही है | यहा पर इसका आशय सरकारी टीचरो को पढ़ाने के अतरिक्त उनको अन्य कार्यो में समावेशित करने से है | देश में सरकारी स्कूलों की दशा एवम शिक्षा की गुणवत्ता वैसे भी किसी से नही छुपी है ऊपर से रही सही कसर सिस्टम ले डूबता है | जिस समय सरकारी स्कूलों के अध्यापको को बच्चों के भविष्य के लिए उनके पढाई को लेकर चिंतित…