वेलेंटाइन डे पर दिल दान करने का संकल्प लिया राकेश रंजन
कतरास | राकेश रंजन ने मोहन फाउंडेशान के प्लेज योर हार्ट अभियान में शामिल होकर ये संकल्प लिया । दिल के साथ उन्होंने आँख, लीवर, किडनी, लंग्स भी दान करने का फैसला लिया । समाजिक कुरूतियों के खिलाफ लड़ने वाले जागो संस्था के प्रमुख किसी पहचान के मोहताज़ नहीं । समाजिक कार्यो से अपनी पहचान बनाने वाले राकेश अब तक करीब 50 बार से अधिक बार रक्तदान भी कर चुकें हैं । राकेश बताते हैं की 18 वर्ष की आयु से ही रक्तदान कर रहें हैं । उनका रक्तग्रुप A- नेगेटीव होने के कारण जिले से बाहर भी रक्तदान करने…
मुसीबत की भविष्यवाणी करता है तुलसी का पौधा
आपके घर, परिवार या आप पर कोई मुसीबत आने वाली होती है तो उसका असर सबसे पहले आपके घर में स्थित तुलसी के पौधे पर होता है. तुलसी का पौधा ऐसा है जो आपको पहले ही बता देगा कि आप पर या आपके घर परिवार को किसी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है. पुराणों और शास्त्रों के अनुसार माना जाए तो ऐसा इसलिए होता है कि जिस घर पर मुसीबत आने वाली होती है उस घर से सबसे पहले लक्ष्मी यानी तुलसी चली जाती है. दरिद्रता, अशांति और क्लेश के बीच लक्ष्मी जी का निवास नहीं होता. ज्योतिष में…
यहां पर मौजूद है संजीवनी बूटी पहाड़
रामायण में संजीवनी बूटी लक्ष्मण के प्राण वापस लाने और हनुमान के संजीवनी पर्वत को पूरा उठा लाने वाला प्रसंग सभी जानते हैं. वैध सुषेण ने संजीवनी को चमकीली आभा और विचित्र गंध वाली बूटी बताया है. संजीवनी पर्वत आज भी श्रीलंका में मौजूद है. माना जाता है कि हनुमानजी ने इस पहाड़ को टुकडे़ करके इस क्षेत्र विशेष में डाल दिया था. यह चर्चित पहाड़ श्रीलंका के पास रूमास्सला पर्वत के नाम से जाना जाता है. श्रीलंका की खूबसूरत जगहों में से एक उनावटाना बीच इसी पर्वत के पास है. श्रीलंका के दक्षिण समुद्री किनारे पर कई ऐसी जगहें…
कुल्हड़ में गोबर से बिजली किया पैदा
गोबर गैस प्लांट से बिजली बनाना तो सबको मालूम है. लेकिन कुल्हड़ में गोबर से बिजली पैदा करने का अनोखा प्रयोग हो रहा है, बाराबंकी जिले के एक गॉव में. यह गाँव है पूरेझाम तिवारी जो सुलतानपुर रोड पर हैदरगढ़ कस्बे से पाँच किलोमीटर की दूरी पर है. यह प्रयोग शुरू किया है एक युवा किसान ब्रजेश त्रिपाठी ने, जिनकी शैक्षिक योग्यता ‘इंटर पास, बीए इनकम्पलीट (यानी अधूरा) है.’ ग्राम पूरेझाम के खेतों से बिजली की बड़ी लाइन गुजरती है. गाँव में बिजली देने के लिए कुछ साल पहले खंभे भी गड़ गए थे. लेकिन न तार खिंचे, न बिजली…
अपने सपने संस्था ने मनीषा को “साहस” नामक पुरस्कार से किया सम्मानित
आज अपने सपने संस्था सुभाषनगर स्थित अपने प्रांगण में राष्ट्रीय बालिका दिवस पर ‘साहस ‘ नामक कार्यक्रम का आयोजन किया गया | आयोजित कार्यक्रम में अपने सपने संस्था के सदस्यों द्वारा संस्था की बालिकाओ को शिक्षा के साथ साथ अन्य क्षेत्रो में कुछ ऐसा कर गुजरने का पाठ पढ़ाया गया जिससे समाज में लड़कियो के प्रति यह शब्द गूँजे “अगले जन्म मोहे बिटिया ही कीजो ” | कार्यक्रम में संस्था के प्रोजेक्ट प्रबन्धक अभिजीत सावन ने कहा की लड़कियो के प्रति समाज को अपनी सोच बदलनी होगी तभी एक अच्छे समाज का निर्माण हो सकता है वही संस्था सचिव विकास…
दिल्ली के नमन और देहरादून के सुमित समेत 25 बच्चो को मिला वीरता सम्मान
नरेंद्र मोदी आज बच्चों राष्ट्रीय बाल वीरता सम्मान दिया | सम्मान पाने वालों में 13 लड़के और 12 लड़कियां हैं। 4 बच्चों को मरणोपरांत ये पुरस्कार दिया गया। जहां नमन 7 साल के बच्चे को बचाने के लिए 12 फीट गहरे पानी में कूद गए वही सुमित ममगई भाई को बचाने के लिए तेंदुए से भिड़ गया | अमन दिल्ली के पीतमपुरा में रहते हैं। क्या हुआ था उस दिन: घटना हरियाणा के सोनीपत की है। नमन अपनी रिश्तेदारी में गया हुआ था। नमन के मुताबिक, ” उस दिन काफी गर्मी थी मैं अपने भाई के साथ नहर में नहाने…
29 बार लड़े चुनाव, जीत मिली नही, राष्ट्रपति का चुनाव नहीं लड़ पाने का मलाल
जिले के झसियापुरा निवासी चमन लाल बाबरा ग्राम प्रधान, नगरपालिका से लेकर विधानसभा और लोकसभा सहित कुल 29 बार चुनाव लड़े, लेकिन एक में भी उन्हें जीत नसीब नहीं हुई। हालांकि, खास बात ये है कि जिले के लोग इनकी भाषण के दीवाने थे। आलम ये था कि स्पीच सुनने के लिए लोग चंदा वसूलकर सभा करते थे। ऐसे में अभी भी इलाके में ‘भाषण वाले बाबरा’ के नाम से मशहूर हैं।ललितपुर लौटने के बाद उन्होंने यहां चुनाव लड़ना शुरू कर दिया। सबसे पहले उन्होंने नगर पालिका का चुनाव लड़ा। इसमें वह हार गए, लेकिन अच्छा भाषण देने वाले नेता…
आज भी यह विधायक करती है खेती-किसानी
विधायक देवती कर्मा जनप्रतिनिधि होने के साथ-साथ कृषक और घरेलू महिला हैं। जनसमस्या को सड़क से सदन तक पहुंचाने के साथ ही वह खेती-किसानी में भी बखूबी जुटी रहती हैं। चाहे मानसून के पहले खेत जुताई का समय हो या फिर धान कटाई और मिंजाई का दौर। हर मौके पर देवती कर्मा मजदूरों के साथ खुद काम में जुट जाती हैं। वह कहती हैं कि आदिवासी किसान की बेटी और बहू हूं।मेरी जिम्मेदारी क्षेत्र की जनता की भलाई के लिए कार्य करना है चाहे वह राजनीति हो या खेती-किसानी। परिवार के खेत में शुरु से काम करती रही हूं और…
जब ठेले वाले का पैसा नहीं देने पर दरोगा पर भड़की थीं यह लड़की
नाशी न सिर्फ सबसे युवा चेहरा, बल्कि अपने कामों की वजह से भी चर्चा में रह चुकी हैं। इन्हें यंग अचीवर लीडर्स का सम्मान भी मिल चुका है।एक अखबार से बातचीत में नाशी अपनी लाइफ से जुड़े रोचक तथ्य शेयर किए। नाशी ने कहा- चुनाव लड़कर वह जनता की सेवा करना चहती है। जब ठेले वाले का पैसा नहीं देने पर दरोगा पर भड़की थीं नाशी सिर्फ युवा चेहरा ही नहीं, बल्कि अपने तेवर को लेकर भी चर्चा में रहती हैं। अगस्त 2015 में वो मीडिया की सुर्खियां बनी। दरअसल, पटियाली कोतवाली में तैनात दरोगा सुशील कुमार कई दिन से…
मजदूर का बेटा गूगल में कर रहा नाम रोशन
करिअर में ऊंची छलांग लगाने में 26 साल के राम चंद्रा ने सफलता हासिल की है. जहा एक समय पढ़ाई के लिए पैसे नहीं थे, लेकिन आज वह अमेरिका में गूगल के दफ्तर में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं. सॉफ्टवेयर इंजीनियर राम को शुरू में गूगल के इंडिया ऑफिस में नौकरी मिली और बाद में उसे अमेरिका बुला लिया गया. राम के पिता तेजाराम संखला राजस्थान के सोजत में रहते हैं और आज भी मजदूरी करते हैं. बेटे के बार-बार कहने के बावजूद उन्होंने अपना काम नहीं छोड़ा है. हिन्दी मीडियम स्कूल में पढ़ाई करने वाले राम को…