दिव्यांग ने उठाया समाज को जाग्रत करने का बीडा
हरिद्वार। मन में यदि हो विश्वास तो शरीर की अपंगता मायने नहीं रखती। कहानी है देवभूमि उत्तराखंड में निवास करने वाली एक ऐसी बाला की जिसकी निष्ठा के कारण अपनी अपंगता को धता बताते हुए एक नये जीवन की शुरूआत ही नहीं बल्कि अपने जैसों के लिए प्रेरणा का सजीव उदाहरण भी प्रस्तुत किया। जयपुर निवासी मैकेनिकल इंजीनियर जय सिंह यादव की 26 वर्षीया दिव्यांग पुत्री कोमल ने जन्म से मिली मानसिक विकलांगता और शारीरिक वाध्यता को दर किनार करते हुए समाज को नई दिशा देने का बीडा उठाया। कोमल ने शांतिकुंज में स्थित श्रीरामपुरम् के नचिकेता भवन के निकट…
दुल्हन को बैसाखी से चलता देख दूल्हे ने गोद में उठाकर पूरी की सभी रस्मे
इंदौर। वरमाला के बाद अपनी दुल्हन को बैसाखी से चलता देख दिव्यांग दूल्हे से रहा नहीं गया और वो उसे गोद में उठाकर अन्य रस्में निभानें के लिए चल दिया। खास बात ये है दूल्हा खुद भी पोलियोग्रस्त है। अपने जीवन साथी का ऐसा प्रेम देख दुल्हन खिलखिला उठी और लोग ताली बजाते हुए बोल उठे एक सच्चे जोड़े की शुरुआत | विदित हो की ऐसी खबरें समाज के लिए एक अच्छा आदर्श का संगम बनाती आ रही है |
उत्तराखण्ड की झोली में रोहित ने डाला योग ओलम्पियाड-२०१६ का रजत
हरिद्वार। उत्तराखण्ड की झोली में योग ओलम्पियाड-२०१६ का रजत पदक डालने वाले रोहित यादव को सम्मानित करने वालों की शृंखला में निरंतर विकास होता जा रहा है। गायत्री विद्यापीठ के इस छात्र ने मात्र ११ वर्ष की उम्र में योग की १५० से अधिक आसनों का प्रस्तुतिकरण करके लोगों को आश्चर्य चकित कर दिया। देश के २१ राज्यों के मध्य हुई कड़ी स्पर्धा में प्रदेश की झोली मे आये इस एकमात्र पदक ने योग के धरातल पर जहाँ बाल उपलब्धि को रेखांकित किया, वहीं विश्व मंच पर कीर्तिमान स्थापित करने की प्रेरणा भी प्रदान की। केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति…
महेश अब तक 472 बेटियों का कर चुके हैं कन्यादान
एक ऐसे शख्स के बारे में आज हम आप को बताने जा रहे है जो दो-चार या छह दर्जन नहीं, सौ डेढ़ सौ भी नहीं पूरी 472 बेटियों का बाप है। और इनके अंदर यही नहीं रुका है बेटियां बढ़ाने की ललक। हर साल वो अपने कुनबे में बेटियां बढाता जा रहा है। बेटियों की संख्या बढ़ाने में उसकी पत्नी का योगदान सबसे ज्यादा है। जी, हां इस शख्स का नाम है महेश सावनी। बता दे की महेश सावनी की कुछ बेटियां हिंदु हैं को कुछ मुसलमान, कुनबा बढ़ाने में वो धर्म या मज़हब को आड़े नहीं आने देता। विदित…
फुटपाथ पर भूखे सो रहे असहाय जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाने का कार्य कर रही अपने सपने
देहरादून। देहरादून में एक ऐसी संस्था जिनके सभी सदस्य अपने सपने को उन भूखे असहाय जरूरतमंद लोगो के लिए समर्पित कर दिया है | यह संस्था है अपने सपने जो भूख -‘हर पेट में रोटी’ अभियान के तहत संस्था सदस्य रात्रि में देहरादून के सड़कों पर स्थित फुटपाथ पर भूखे सो रहे असहाय जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाने का कार्य करती है। अपने सपने संस्था रेस्टोरेंट, घरों , वेडिंग पॉइंट से खाने को एकत्रित कर भूखे लोगों को खिलाती है। साथ ही साथ संस्था देहरादून के होटलो, रेस्टोरेंट, वेडिंग पॉइंट, और घरों से खाना न फेंकने की अपील भी कर…
‘सरकार’ हो तो ऐसी
दिल्ली में दो साल के समय में परिवर्तन देखने को मिली है यह हम नही वहाँ की जनता दिल खोल कर केजरीवाल सरकार की प्रशंसा कर रही है | केजरीवाल सरकार को जनता द्वारा प्रशंसा ऐसे ही नही मिल रही है बल्कि सरकार द्वारा किये गए विकास इसके निगेबान है | जिस तरह से केजरीवाल सरकार शिक्षा के क्षेत्र में सरकारी स्कूलों की दशा प्राइवेट स्कूलों जैसी कर दी, वही जारी बजट से भी कम बजट में ब्रिज का निर्माण करना, भ्रस्टाचार पर नकेल कसना, स्वास्थ के क्षेत्र में मोहल्ला क्लिनिक बनाना , प्राइवेट स्कूलों द्वारा मनमानी फ़ीस पर पूर्णत…
बस्तर के आदिवासी किसान की बेटी सावित्री बनेगी IIT इंजीनियर
हौसलों की उड़ान में कितनी भी बाधाएं क्यों न हो हौसलों के द्वारा उड़ान कायम रहती है | इस कथन को साबित किया है एक आदिवासी किसान की बेटी ने | कुरंदी बस्तर के आदिवासी किसान की बेटी सावित्री कश्यप ने जेईई एडवांस में 1135 वीं रैंक हासिल की है | संसाधन की कमी को दरकिनार कर सावित्री ने यह साबित कर दिया है मनुष्य जो भी ठान ले तो वह पूरा जरूर होता है | माना की सावित्री कश्यप का चयन कोटे के अनुसार हुआ है लेकिन इस वर्ग में भी पढ़ाई का जज्बा रखना संसाधनों का न हो…
एक MLA ऐसे भी , आज न घर है न दो जून की रोटी
कर्नाटक में MLA बनने से पहले जो सादगी दिखती थी, वही आज भी बरकरार है. डेढ़ साल तक विधायक रहने के बाद भी उन्होंने कभी दौलत की लालच नहीं की और उनकी ईमानदारी के परिणाम का नतीजा यह है कि आज उन्हें अपने परिवार का पेट भरने के लिए ‘दो जून की रोटी’ भी मुहैया नहीं हो पा रही है. इसके बावजूद उनके हौसले बुलंद हैं आप को बता दे की वह दिन की रोटी के लिए महज 40 रुपए कमाकर भी खुश हैं | विदित हो की हुकरम्पा 1983 में राजनीति में कदम रखा था कर्नाटक विधानसभा चुनाव में…
साक्षी चौहान 38 किलोमीटर का सफर तय कर गरीब बच्चों को बना रही है शिक्षित
आज के समय में दूसरों के लिए सहायता तो दूर सोचने का भी वक्त नहीं रहता है लेकिन इस कथन को गलत साबित किया है ऋषिकेश की साक्षी चौहान | साक्षी चौहान २५ किलोमीटर का दूरी तय कर गरीब बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए ऋषिकेश से देहरादून आती है | देहरादून में स्थित नियो विजन फाउंडेशन एनजीओ के तहत बिना किसी स्वार्थ साक्षी चौहान गरीब बच्चों को गीत संगीत सिखाने के साथ साथ पढ़ाने का सामाजिक कार्य करती है | इस कार्य पर साक्षी चौहान के पिता विनोद चौहान और माता सुनैना देवी को अपने बेटी पर गर्व…
स्कूल के मध्याह्न भोजन में मिलने वाले अंडे को छिपाकर लाता है बेटा ,खिलाता है बीमार मां को !
रांची/गोड्डा। झारखंड के गोड्डा जिला के पांडुबथान सरकारी विद्यालय की कक्षा तीन में पढ़ने वाले अमित कोड़ा को नहीं पता कि मदर्स डे क्या है। हां इतना जरूर जानता है कि यह 9 वर्ष का बच्चा की उसकी मां के लिए अंडे खाना सबसे ज्यादा जरूरी है। जानकारी अनुसार टीबी रोग की मरीज सावित्री की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं कि वह पौष्टिक आहार ले सके, जबकि डॉक्टरों ने इन्हें खाने को कहा है। मां की हालत ने उसे स्कूल में मध्याह्न भोजन में मिलने वाले अंडे को छिपाकर घर लाने की युक्ति सूझी। अमित हर सोमवार, बुधवार और शुक्रवार…