केदारनाथ के कपाट 24 अप्रैल व बद्रीनाथ के कपाट 26 अप्रेल को खुलेंगे।
यहां कर्नाटक, राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार, दिल्ली, उत्तरप्रदेश व अन्य राज्यों से लोग आए
अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं के जयकारों के बीच गंगोत्री धाम व यमुनोत्री धाम के कपाट खुले। इसके साथ ही चारधाम यात्रा प्रारम्भ हो गई है। केदारनाथ के कपाट 24 अप्रैल व बद्रीनाथ के कपाट 26 अप्रेल को खुलेंगे। श्री गंगोत्री के कपाटोद्घाटन व खरसाली से यमुनोत्री के लिए मां यमुना की डोली रवाना होते समय मुख्यमंत्री हरीश रावत उपस्थित रहे और मां गंगा व मां यमुना से प्रदेश की खुशहाली व चारधाम यात्रा की कामना की। खरसाली में आयोजित संक्षिप्त कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि क्षेत्र में भूस्खलन को रोकने के लिए कार्ययोजना बनाई गई है। इस पर काम चल भी रहा है। रोपवे के लिए टेंडर कर दिया गया है। जल्द ही इस पर काम प्रारम्भ कर दिया जाएगा। सीएम ने लोनिवि के अधिकारियों को जानकीचट्टी-यमुनोत्री धाम पैदल मार्ग के चैड़ीकरण के लिए आंकलन तैयार कर शासन में भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खरसाली से दिल्ली के लिए सीधी बस सेवा प्रारम्भ की जाएगी।बाद में देहरादून लौटने पर मीडिया से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगोत्री व यमुनोत्री में कपाट खुलने के अवसर पर चारधाम यात्रा के पहले दिन श्रद्धालुओं का अच्छा रेस्पोंस मिला है। यमुनोत्री में 12 राज्यों के लगभग 3 हजार के करीब श्रद्धालु आए। इनमें 55 विदेशी पर्यटक व श्रद्धालु भी यहाँ आए। स्थानीय लोग भी बड़ी संख्या में वहां थे। श्रद्धालुओं व स्थानीय लोगों का यात्रा को लेकर उत्साह देखने लायक था। यात्रियों व श्रद्धालुओं के रेस्पोंस से हमें दुगुनी ऊर्जा मिली है। गंगोत्री धाम में 2500 के करीब श्रद्धालु पहले दिन आए और मां गंगा के दर्शन किए । यहां कर्नाटक, राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार, दिल्ली, उत्तरप्रदेश व अन्य राज्यों से लोग आए हैं। सीएम ने कहा कि उन्होंने स्वयं इन श्रद्धालुओं से बात की। यात्रा के लिए की गई सरकार द्वारा व्यवस्थाओं से वे संतुष्ट थे। पहले आ चुके श्रद्धालुओं ने बताया कि इस बार व्यवस्थाएं पहले से अधिक बेहतर हैं। अनेक लोग तो सपरिवार आए थे।