बेमौसमी वर्षा और अतिवृष्टि से हुए नुकसान पर मुख्यमंत्री हरीश रावत का अरुण जेटली व कृषि मंत्री को पत्र
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली व कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह को पत्र भेजकर राज्य में बेमौसमी वर्षा और अतिवृष्टि से हुए नुकसान से अवगत कराया है। मुख्यमंत्री वत ने केन्द्रीय वित्त मंत्री को भेजे पत्र में कहा है कि राज्य में बेमौसमी वर्षा और अतिवृष्टि से प्रदेश के किसानों को काफी नुकसान हुआ है। इससे प्रदेश के 90प्रतिशत किसान, जो कृषि क्षेत्र से जुड़े हुए है, पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है। राज्य सरकार द्वारा अपने स्तर से किसानों को राहत दी गई है। इसके लिए राज्य सहकारी बैंक से कृषि व उद्यान हेतु लिये गये ऋण का ब्याज आगामी 6 माह तक राज्य सरकार वहन करेगी। एस.एल.बी.सी. के संयोजक द्वारा बताया गया है कि विभिन्न राष्ट्रीय बैंको द्वारा भी प्रदेश के किसानों को कृषि ऋण और किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लगभग 9500 करोड़ रुपये धनराशि के ऋण वितरित किये गये है, जिन पर 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर के अनुसार लगभग 950 करोड़ रुपये ब्याज की धनराशि होती है। यदि केन्द्र सरकार आगामी 6 माह (01 अप्रैल, से 30 सितम्बर, 2015 तक) तक प्रदेश के किसानों द्वारा लिये गये ऋण के ब्याज पर छूट प्रदान कर दे अथवा केन्द्र सरकार वहन करे, तो इससे काफी राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री रावत ने केन्द्रीय वित्त मंत्री से अनुरोध किया है कि प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए शीघ्र ही इस संबंध में निर्णय लिया जाय। उत्तराखण्ड को विशेष राज्य का दर्जा है, जिसके अनुसार केन्द्र सहायतित योजनाओं में 90ः10 अनुपात में योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए था, लेकिन इसको परिवर्तित करते हुए विभिन्न योजनाओं को अलग अनुपात में कर दिया गया है, जैसे 50ः50, 75ः25 आदि, जो कि राज्य के विकास को अवरूद्ध करने जैसा कार्य है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड भले ही छोटा राज्य है, लेकिन हमे जो नुकसान हो रहा है, वह कही अधिक है।
मुख्यमंत्री रावत ने के्रन्द्रीय कृषि मंत्री को भेजे पत्र में कहा है कि विगत दिनों की बेमौसमी वर्षा और अतिवृष्टि से राज्य के किसानों को काफी नुकसान हुआ है। राज्य सरकार के अनुमान के अनुसार प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 51 प्रतिशत से 69 प्रतिशत तक की क्षति हुई है। फसलों की क्षति के साथ ही फल वृक्ष एवं पौधों के फूल गिरने व पराग खराब होने से औधानिक फसलों (सब्जी एवं फल) में 56.71 प्रतिशत तक की क्षति हुई है। मुख्यमंत्री रावत ने केन्द्रीय मंत्री से अनुरोध किया है कि अत्याधिक वर्षा एवं तेज हवाओं के कारण फसलों के उत्पादन में होने वाली क्षति का आंकलन कराने हेतु केन्द्रीय दल भेजने के साथ ही किसानों को क्षतिपूर्ति हेतु राहत/धनराशि शीघ्र उपलब्ध कराने का कष्ट करें। केन्द्रीय मंत्री को भेजे गये पत्र में जनपदवार हुए उत्पादन में हुई क्षति का आंकलन दिया गया है, जिसमें जनपद ऊधमसिंहनगर में 63 प्रतिशत, नैनीताल में 57 प्रतिशत, अल्मोड़ा में 51 प्रतिशत, बागेश्वर में 55 प्रतिशत, पिथौरागढ़ में 60 प्रतिशत, चम्पावत में 53 प्रतिशत, हरिद्वार में 69 प्रतिशत, पौड़ी में 56 प्रतिशत, टिहरी में 60 प्रतिशत, उत्तरकाशी में 55 प्रतिशत, रूद्रप्रयाग में 55 प्रतिशत, चमेाली में 55 प्रतिशत तथा देहरादून में 61 प्रतिशत का आंकलन किया गया है।