नरसंहार के आरोपी बरी, एक ही समुदाय के 42 लोगो की हुई थी हत्या
28 साल पूर्व हुए हाशिमपुरा काण्ड की यादे फिर ताज़ा हो गयी जब दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने इस काण्ड पर एक फैसला सुनाते हुए, सभी 16 आरोपियों को बरी कर दिया है | आपको बताते चले 28 वर्ष पूर्व इस मामले ने देश की राजनीति को हिला कर रख दिया था |मालूम हो कि इस कांड के 19 आरोपियों में से अब सोलह ही जिंदा बचे हैं. दंगे का गवाह 161 लोगों को बनाया गया था. इन्ही 161 लोगो की गवाही के आधार पर दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है | संदेह का लाभ देते हुए कोर्ट ने सबूत के आभाव में सभी आरोपियों को बरी किया |
गौरतलब है की आज से लगभग 28 वर्ष पूर्व हाशिमपुरा में ये कांड हुआ था,फरवरी, 1986 में राजीव गांधी सरकार के अयोध्या में विवादित ढांचे का ताला खुलवाने के बाद उत्तर भारत के कई बड़े शहरों में दंगा शुरू हो गया था,और जनपद में अप्रैल 1987 में दंगा भड़का, हालांकि इसे बाद में काबू भी कर लिया गया था. इसके बाद सुरक्षा बलों की 38 टुकड़ियों को हटा लिया गया. लेकिन फिर 18 मई को दोबारा से शहर में फसाद शुरू हो गया. इस के अलावा 18 और 19 मई को मेरठ में भयानक दंगा भड़का, लेकिन हाशिमपुरा और आसपास के मुहल्ले शांत थे. लेकिन 21 मई को हाशिमपुरा के बगल के मुहल्ले में एक युवक की हत्या के बाद माहौल गरमा गया. देखते ही देखते कई इलाकों में मारकाट मचने लगी. दुकान और मकान फूंके जाने लगे. हाशिमपुरा के एक ही समुदाय के 42 लोगों की हत्या कर दी गई |