ताकि… ईमानदार अधिकारियो में ईमानदारी की लौ जलती रहे
ईमानदारी शब्द राजनीति क्षेत्र के साथ साथ सरकारी विभाग में शून्य के बराबर दिखता है| देश की राजनीति और राजनेता देश के विकास में अहम् योगदान रहता है परन्तु दुर्भाग्य है जिस देश में लाल बहादुर शास्त्री,सरदार बल्लभ भाई पटेल, इन्दिरा गांधी,अटल विहारी बाजपेई जैसे राजनेता हुए उसी देश में अब की राजनीति और राजनेता पहले की राजनीति और राजनेता से इतने भिन्न लगते है जिसकी कल्पना आज की युवा पीढ़ी नहीं की थी| इन सबका तात्यपर्य आज के राजनेता जिस तरह से ईमानदार आधिकारियो का तबादला कर रहे उससे देश और देश के अधिकारियो में क्या सन्देश देना चाहते है यह समझ से परे है|हरियाणा के ईमानदार अधिकारी अशोक खेमका को वहा की बीजेपी सरकार ने कांग्रेस सरकार के नक्शे कदम चलते हुए उनके तबादले का दौर शूरू कर दिया है|आखिर कब तक ईमानदार अधिकारियो के प्रति राजनेता अपना खेल खेलते रहेंगे| देश के सर्वोच्च न्यालय सुप्रीम कोर्ट को इस पर हस्तक्षेप करना चहिये जिससे देश में ईमानदार अधिकारियो में ईमानदारी की लौ जलती रहे|
अरुण कुमार यादव (सम्पादक)