केरल के ये जिलाधिकारी है सबके लिए नज़ीर
एक तरफ लगातार प्रशासनिक अधिकारियो पर काम ना करने के आरोप लगते रहते है | वंही दूसरी ओर केरल के कोझिकोड के डीएम एन प्रशांत ने एक ऐसी नज़ीर पेश की है, जो देश के अन्य अधिकारियो के लिए प्रेरणा योग्य है |
मामला यह है की प्रशांत ने अपने जिले के एक मनोरोग अस्पताल का दौरा किया था | जंहा उन्हें बहुत दर्दनाक स्थिति देखने को मिली, उन्होंने उस अस्पताल के दौरे के विषय में अपने फेसबुक पेज पर मलयालम में लिखा, “मैनें देखा कि एक बुजुर्ग मां जिसे रिश्तेदारों ने नकार दिया है, एक मानसिक रूप से कमजोर भाई को छोड़ दिया गया है और एक बहन जो अस्पताल से भी निकलने से डरती है, क्योंकि वह पूर्व में हुए यौन उत्पीड़न से उबर नहीं पाई है।”
उन्होंने अस्पताल के स्टाफ की बहुत प्रशंसा की है, उन्होंने कहा की अस्पताल का स्टाफ मरीजों की देखभाल बहुत अच्छे से करता है | उन्होंने अस्पताल अधीक्षक द्वारा दी गई जरूरी वस्तुओ की सूची भी सोसल नेटवर्किंग साईट पर साझा की | इसके बाद लगातार प्रतिक्रियाये आने लगी और उन्हें बिना सरकारी मदद के ही यह सब वस्तुए एकत्रित करने में आसानी हो गयी | इस बारे में प्रशांत का कहना है की इन जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकारी प्रक्रिया का इंतजार नहीं किया जा सकता। इसीलिए मैंने सामान की सूची फेसबुक पर साझा की और लिखा “कोझिकोड के लोग रहम दिल हैं।”
और जैसा उन्होंने सोचा था वैसा ही हुआ, लोगो को खुले हाथ से अस्पताल के लिए मदद पहुंचानी शुरू कर दी | जो अधिकारी जनता से जुड़े कार्यो के लिए फंड का रोना रोते है, उनके लिए यह खबर जरुर नज़ीर की तरह है |