आरक्षण , आरक्षण और केवल आरक्षण …..
देश में युवाओ को अपनी प्रतिभा पर विश्वास नही के बराबर है इसीलिए वह जातिगत आरक्षण को अपनाने के लिए इतने निचले स्तर तक चले जाएंगे यह एक सोचने युक्त विषय है | इसके जिम्मेदार हम खुद है जो देश के जातिगत आरक्षण के सिस्टम को आइना न दिखा कर उसको हमेशा प्रोत्साहित करने का काम करते आ रहे है | देश में अभी आरक्षण पर कुछ समय पहले बहस का भी दौर आया था पर राजनीतिक स्वार्थ इस पर ऐसी हावी हुई की वह दोबारा यह बहस उठ न सकी | देश से आरक्षण को समाप्त करने की शक्ति राजनीतिक पार्टियो में साहस का शुरूआती अंश भी नही है जिसको वह अपना सके | युवाओ को आरक्षण को लेकर इतना उत्साहित नही होना चाहिए बल्कि एक पहल के तहत अपनी क्षमता के अनुसार ही अपने कैरियर को संतुलित करे | देश के युवा ही राजनीतिक पार्टियो को सबक सिखा सकते है जिससे देश को आरक्षण के लोभ से इन राजनेताओ से बचा सके है |
अरुण कुमार यादव (संपादक )