“शुक्रिया” …..
शुक्रिया ऐ जिंदगी तूने मुझे जीना सिखाया
शुक्रिया ए खुदा तूने मुझे मरना सिखाया
शुक्रिया उन नफरत करने वालों का जिन्होंने मुझे मोहब्बत करना सिखाया
शुक्रिया रुलाने वालों का जिन्होंने मुझे हंसना सिखाया
शुक्रिया उन तमाम गिराने वालों का जिन्होंने मुझे उठना सिखाया
शुक्रिया उन दबाने वालों का जिन्होंने मुझे उड़ना सिखाया
शुक्रिया जलाने वालों का जिन्होंने मुझे सहना सिखाया
शुक्रिया अपमान करने वालों का जिन्होंने सम्मान पाना सिखाया
शुक्रिया बुराई करने वालों का जिन्होंने अच्छा बनना सिखाया
शुक्रिया रोकने वालों का जिन्होंने मुझे चलना सिखाया
शुक्रिया और मिटाने वालों का जिन्होंने मुझे बनना सिखाया
प्रतिभा “प्रिया” की कलम ✍ से