उत्तराखंड : वोटिंग को लेकर बुजुर्ग मतदाताओं में दिखा खासा उत्साह
देहरादून। विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग को लेकर बुजुर्ग मतदाताओं में काफी उत्साह दिखाई दिया। प्रदेश के विभिन्न जिलों में बुजुर्ग मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया। उत्तरकाशी जिले में बुजुर्ग मतदाता स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी चिन्द्रयालाल राही को जिला प्रशासन द्वारा नियुक्त स्वयं सेवक मातली से डोली द्वारा जुणगा गांव बूथ पर मतदान कराने के लिए ले जाया गया। उन्होंने मतदान करने के बाद लोगों से अपील की है कि वह अपने-अपने घरों से निकलकर मतदान जरूर करें। लोकतंत्र की मजबूती और एक अच्छी सरकार के लिए मतदान बहुत-बहुत जरूरी है। विधानसभा चुनाव 2022 के लिए कुल 1,556 शतायु वोटर रजिस्टर्ड हैं। मासों चौथन थलीसैंण में 105 वर्षीय महिला ने भी मतदान किया। कहा कि लोगों को जरूर-जरूर अपने मतदान का प्रयोग करना चाहिए। उनके अनुसार, मतदान से ही अच्छा उम्मीदवार चुना जा सकता है, जिससे एक अच्छी सरकार बनेगी। अच्छी सरकार बनेगी तो देश और प्रदेश का विकास संभव हो पाएगा। देहरादून के राजकीय कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय नकरौंदा विधानसभा द्वारा 98 वर्षीय धर्म सिंह ने भी डाला वोट अपने पोते का सहारा लेकर बूथ तक आए। हल्द्वानी में 98 वर्ष की मुन्नी बेगम ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। बूथ नम्बर 119 राजकीय इण्टर कॉलेज बनभूलपुरा ( इन्दिरानगर ) में उन्होंने वोटिंग की। वह अब चलने फिरने में सक्षम नहीं हैं मुन्नी बेगम। सोमवार को विधानसभा चुनाव में बूथ संख्या 25 दुधला दयालवाला निवासी 108 वर्षीय शांति देवी ने अपनी चौथी पीढ़ी के साथ मतदान किया, अस्वस्थ होंने के बाद भी शांति देवी में मतदान को लेकर उत्साह दिखा। उन्होंने अपने पुत्र केहर सिंह, पौत्र रतन सिंह, और प्रपौत्र मनोज सिंह के साथ अपने प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया।
उन्होंने कहा लोकतंत्र ने हमे अपना मत देने का स्वतंत्र अधिकार दिया है जिसका सभी को प्रयोग करना चाहिए, शिक्षा और स्वास्थ्य में कुछ और बेहतर होगा जिसको लेकर हमने अपना वोट दिया है। श्रीनगर नगर पालिका बूथ पर 102 साल के बुजुर्ग मातबर सिंह बिष्ट ने मतदान किया। उन्होंने भी वोटरों से अपील की है कि वह मतदान जरूर करें। रानीपुर विधानसभा के राजकीय प्राथमिक विद्यालय रावली महदूद नंबर एक में 85 वर्षीय मूर्ति के परिजन वोट डलवाने पहुंचे। मूर्तिदेवी काफी समय से बीमार चल रही है। हल्द्वानी में नई बस्ती ताज मस्जिद के पास रहने वाले मोहम्मद अली जिनकी उम्र 116 साल है। मोहल्ले में लोग इनको गामा पहलवान के नाम से जानते हैं उन्होंने अंग्रेजों से देश को आजाद होते हुए देखा है और लगभग आधी उम्र हो गई वोट डालते हुए आज अपने पोते मोहम्मद अशफाक गफ्फार के साथ वोट डालकर आए हैं।