अपशब्दों व आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित रहा अमित शाह का दौरा: हरीश रावत
देहरादून। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का उत्तराखंड दौरा केवल अपशब्दों व आरोप-प्रत्यारोंप तक सीमित रह गया। ऐसा लगता है कि उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष का पूरा कार्यक्रम २०१७ के चुनावी फोबिया से ग्रस्त था। बीजापुर हाउस में आयोजित प्रेसवार्ता में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष के उत्तराखंड आगमन पर हमने उनका स्वागत किया था और हम चाहते हैं कि राष्ट्रीय स्तर के नेता उत्तराखंड में आएं और हमारी समस्याओं व तकलीफों को समझें। परंतु अफसोस की बात है कि न तो अमित शाह के बयानों व भाषण में और न ही उनकी राज्य कार्यकारिणी की बैठक में राज्य के बुनियादी मुद्दों की झलक दिखाई दी। इन पर अमित शाह ने कुछ नही कहा। केंद्र में उनकी सरकार है। केदं सरकार के पास लम्बित राज्य के मुद्दों को हम बार बार उठाते रहे हैं। राज्य हित में वे कुछ बातें तो कर ही सकते थे। वे फडिंग पैटर्न में बदलाव से उत्तराखंड को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति कर सकते थे। बाह्य सहायतित योजनाओं में ९०ः१० का अनुपात किया जा सकता था, एसपीए में स्वीकृत कई सौ करोड़ की राशि अभी तक अवमुक्त नही हुई है। आपदा पर केबिनेट कमेटी आॅन उत्तराखंड ने जो संस्तुतियां की थीं उस पर वर्तमान केंद्र सरकार ने कोई रोड़मैप नही दिया है। अमित शाह ने भी इस पर एक शब्द भी नही कहा है। ग्रीन बोनस व विद्युत परियोजनाओं पर भी इनका रूख सकारात्मक नही रहा है। भाजपा के भ्रष्टाचार के आरोपों पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे एक भी मामला बता दें जिसमें वित्तीय संलिप्तता बनती हो। घोटालों के आरोप दोनेां ओर से लगे हैं। अगर भाजपा चाहे तो मामनीय उच्च न्यायालय से इन सभी की न्यायिक जांच का अनुरोध किया जा सकता है। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि हमने राज्य के बजट का सवाल उठाया था कि किस तरह से बजट को लेकर राज्य के योजनागत विकास को पटरी से उतारा जा रहा है। इसी से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है। हम इन कोशिशों का पर्दाफाश करेंगे। हरिद्वार व हल्द्वानी के मंचों का प्रयोग केवल राज्य सरकार को कोसने के लिए किया गया। इसमें राज्य के बुनियादी सवालों की अनदेखी की गई। एक राष्ट्रीय अध्यक्ष केवल स्टिंग तक रह गया। मैं तो आज भी कह रहा हूं कि कथित स्टिंग व सीडी में जितने भी पात्रों के नाम आए हैं, सीबीआई उन सभी की जांच करे। यही सीबीआई की निष्पक्षता का तकाजा होगा। कथित स्टिंग पर ओपन डायलाॅग की प्रक्रिया प्रारम्भ करेंगे। इसकी शुरूआत हम २ जुलाई से देहरादून से करेंगे।