इनसे सीखें : दो बार स्कूल में फेल हुए जोमैटो के मालिक, अब अपने जीवन में है पास
नई दिल्ली | जहां चाह है वही राह है जी हां यदि किसी सोच को आपने अपना कैरियर बना ले तो वह सफलता की राह जरूर पूरा करता है | ऐसा ही कुछ किया है जोमैटो, जोमैटो के इस एप के बारे में आप सभी ने सुना होगा जिसने पूरे देश भर में अपनी एक अलग पहचान बना ली है। करोड़ों लोगों तक उनके घरों में खाना पहुंचाने वाले इस एप के एक्टिव यूज़र्स अब करोड़ों में पहुंच गए है। पिछले कुछ महीनों से किसी ना किसी कारणों को लेकर जोमैटो लगातार चर्चा में है। लेकिन क्या आप ये जानते है कि इस एप को शुरू करने के पीछे किसका हाथ है और उन्हें इस एप को बनाने का आईडिया कैसे आया। आज हम आपको बताने जा रहे है इस जोमैटो एप के फाउंडर दीपिन्दर गोयल के बारे में जिन्होंने इस एप की शुरुवात की और देश भर के लोगों तक इसे पहुंचाया। अपनी प्रारम्भिक पढ़ाई में दो बार फेल हो चुके दीपिन्दर हमेशा अपने दोस्तों के साथ कैफेटेरिया में जाया करते थे जहां उन्हें मेनू कार्ड देखने के लिए लंबी लाइन लगानी पड़ती थी। लंबी कतार में खड़े होने के कारण वहां मौजूद लोगों का काफी वक्त बर्बाद होता था और यह सोच कर उन्हें बहुत खराब महसूस होता था। फिर दीपिन्दर ने लोगों का समय बचाने के लिए एक उपाय निकाला और कैफेटेरिया का मेनू कार्ड स्कैन कर साइट पर अपलोड कर दिया। उनके इस कदम के बाद साइट बहुत फेमस हो गई और यही से दीपिन्दर को फ़ूड पोर्टल का विचार आया।