उत्तराखंड में रावत सरकार का फ्लोर टेस्ट होना तय
सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को एक बार फिर उत्तराखंड में चल रहे राजनीतिक संकट को लेकर सुनवाई शुरू हुई | सुनवाई के समय केंद्र की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल ने कहा कि सरकार फ्लोर टेस्ट के मुद्दे को लेकर काफी गंभीर है और इस समाधान के लिए थोड़ा समय चाहती है | विदित हो की इसके पहले सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस शिव कीर्ति सिंह की बेंच ने सवाल किया था कि क्यों न उत्तराखंड में सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में फ्लोर टेस्ट कराया जाए | इसके लिए अटॉर्नी जनरल को कोर्ट ने केंद्र से राय लेने को कहा था और सुनवाई टाल दी थी | आज मामले की सुनवाई शुरू होते ही एजी ने कहा, फ्लोर टेस्ट को लेकर केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों को काफी गंभीरता से ले रही है, हालांकि इस संबंध में अब तक कोई दिशानिर्देश तय न हीं हुआ | इस बारे में फैसला लेने के लिए सरकार को शुक्रवार तक का समय दिया जाए | दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार को फ्लोर टेस्ट पर फैसला करने के लिए 6 मई तक का समय दिया है | विदित हो की कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि केंद्र अपना निर्णय बताए और अगर सरकार निर्णय नहीं ले सकती तो इस बारे में वह खुद अपना निर्णय ले लेंगे कि उत्तराखंड में शक्ति परिक्षण कराना है या नहीं और आगे कोर्ट ही तय करेगा क्या होगी इसकी प्रक्रिया | इतना ही नहीं कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि यदि फ्लोर टेस्ट होगा तो हरीश रावत का ही होगा और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होगा तथा साथ ही साथ थोड़ी देर के लिए राष्ट्रपति शासन स्थगित कर दिया जाएगा |