उत्तराखण्ड क्रांति दल की केन्द्रीय कार्यकारिणी भंग
केन्द्रीय अध्यक्ष दिवाकर भट्ट ने दिया इस्तीफा
नये चेहरों को दिया जायेगा मौका
रुद्रप्रयाग । रुद्रप्रयाग में पत्रकारों से वार्ता करते हुए केन्द्रीय अध्यक्ष दिवाकर भट्ट ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य की स्थापना जिस अवधारणा से की गई थी, वह सपना आज भी अधूरा ही है। राज्य आंदोलन में मां-बहिनों का सम्मान ही दांव पर लग गया और इसके बावजूद भी हमें क्या मिला। आज तक राज्य में पलायन की समस्या खत्म नहीं हो पाई है। आज स्थिति यह है कि प्रदेश में तीन हजार स्कूल बंद हो चुके हैं। पहाड़ की संस्कृति को बचाने के कोई प्रयास नहीं किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उद्योगपति व पूंजीपतियों को बढ़ावा मिल रहा है, जबकि वन अधिनियम की पत्रावलियों पर कोई कार्य ही नहीं किया जा रहा है। दूर-दराज के ग्रामीण इलाके वन अधिनियम के कारण सड़क मार्ग से नहीं जुड़ पा रहे हैं और बाहरी पूंजीपतियों एवं उद्योगपतियों को आसानी से जमीन मिल रहा है। भाजपा व कांगे्रेस राज्य को लूटने का काम कर रही है। केन्द्रीय अध्यक्ष भट्ट ने कहा कि हम सबका प्रयास होना चाहिए कि उतराखण्ड को कैसे बचाया जा सके। त्रिवेन्द्र सरकार जनता को बेवकूफ बनाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि स्थाई निवास के बदले मूल निवास बनना चाहिए, जिससे बाहरी लोगों के वजाय यहां के लोगों को रोजगार मिल सके। कहा केन्द्र और राज्य की सरकार जनता को लूटने का काम कर रही हैं। कोई कहता है घर में घुसकर मारेंगे और कोई कहता है न्याय दिलायेंगे। समझ में ये नहीं आया कि आज तक क्या कुछ किया गया है। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड क्रांति दल में गुटबाजी खत्म हो गई है। अब उक्रांद कार्यकर्ता एकमंच पर नजर आ रहे हैं। नई पीढ़ी को उक्रांद से जोड़ा जा रहा है, जिससे दल में युवाओं की ज्यादा से ज्यादा भागीदारी रहे। कहा कि केन्द्रीय कार्यकारिणी को भंग किया गया है। पार्टी से उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। अब वे संयोजक के रूप में कार्य करेंगे। चुनाव को लेकर आठ सदस्यीय समिति में छः संरक्षक व दो कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किये जायेंगे। नई कार्यकारिणी का चुनाव दल के सरंक्षक मण्डल का आठ सदस्यीय संयोजक मण्डल करायेगा। 24 एवं 25 जुलाई को हरिद्वार में महाधिवेशन का आयोजन कर नई कार्यकारिणी का चुनाव होगा।