एक परिवार, 98 सदस्य, हर कलाई पर 45 राखी,जानिए खबर
यह खबर आपको चौका सकता है की एक परिवार, 98 सदस्य, हर कलाई पर 45 राखी,जी हां गूंजता गीत-संगीत, खिलखिलाते बच्चे, उत्साह से रंगे युवा और सजे-धजे महिला-पुरुष,एक तरफ हलवाई पूरी टीम के साथ भोजन बनाने में जुटा हुआ,मिठाई सहित अन्य व्यंजनों की महक। यह किसी शादी का दृश्य नहीं। शहर के एक परिवार द्वारा उत्सव की तरह मनाया जाने वाला रक्षाबंधन पर्व है। इस उत्सव में आशीर्वाद लाड़ परिवार के 98 सदस्य जुटते हैं। एक-एक कलाई पर 45 राखियां बंधती हैं। 16 साल से जारी यह उत्सव 25 से 26 अगस्त तक नवकार नगर के एक मांगलिक परिसर में मनाया जाएगा।इक्का-दुक्का लोगों का एकाकी परिवार। उस पर भी मोबाइल और तकनीक के इस दौर में मन से मन के बीच दूरी। भागमभाग, व्यस्तता और रोजी-रोटी के बीच बिखरते खून के रिश्ते। इन सबके बीच आशीर्वाद लाड़ परिवार देश-समाज के लिए एकता और स्नेह की एक मिसाल है। परिवार के वरिष्ठ 70 वर्षीय वासुदेव प्रसाद लाड़ बताते हैं पिता स्व. छोगालाल जी और मां स्व. सीतादेवी के संस्कारों से यह परिवार आज भी स्नेह के सूत्र और प्यार की डोर में बंधा है। माता-पिता की ही प्रेरणा से यह उत्सव 16 साल से मनाते आ रहे हैं।परिवार में सात भाई वासुदेव प्रसाद, नारायण, शांतिलाल, पुरुषोत्तम, विजय, अजय और प्रमोद हैं। चार बहनें रुक्मिणी देवी, सुलोचना, अनुसुइया और सुधारानी हैं। नौकरी, व्यवसाय ने भाइयों को दूर कर दिया। शादी होने के बाद बहनें ससुराल चली गईं। ऐसे में राखी का त्योहार मनाना सबसे अधिक बहनों के लिए मुश्किल हो गया। इस पर सभी ने हर साल यह त्योहार एक साथ ही मनाने की ठानी। शुरुआत के कुछ साल बरुड़ स्थित पुश्तैनी मकान में त्योहार मनाया। फिर खंडवा के पड़ावा क्षेत्र स्थित घर में। 13 साल से मांगलिक परिसर में उत्सव की तरह त्योहार मना रहे हैं।