एक पैर नहीं, नेशनल बॉडी बिल्डिंग चैम्पियनशिप है मोहित
गुड़गांव | हौसला हो तो हर मुमकिन को सफलता में बदल सकते है | यह सत्य किया है सोनीपत के मोहित ने | 11 साल की उम्र में बोन कैंसर होने के कारण एक पैर गंवा दिया। इसके बावजूद सोनीपत के मोहित ने बचपन की अपनी ख्वाहिश को पूरा करने की ठानी और पहले एक पैर पर चलने की प्रैक्टिस किया और बॉडी बिल्डिंग में हिस्सा ले रहा है। पिछले एक साल में ही मोहित ने नेशनल बॉडी बिल्डिंग चैम्पियनशिप में तीन गोल्ड, दो सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किए हैं। 11 साल की उम्र में वर्ष 2009-10 में मोहित को बोन कैंसर हो गया। पैर में अधिक दिक्कत आने के कारण दिल्ली स्थित भारतीय रेलवे के सेंट्रल हॉस्पिटल में एक पैर काटना पड़ा।ऐसे में, पूरा परिवार मोहित की दिव्यांगता को लेकर परेशान हो गया, पर मोहित ने अपने शौक की उम्मीद नहीं छोड़ी और पहले उसने वर्ष 2010 में कृत्रिम पैर लगवाया, लेकिन साल 2015 में दूसरा पैर फिसलने के कारण कृत्रिम पैर भी गंवा दिया। इसके बावजूद भी मोहित ने अपना हौसला बनाए रखा और एक पैर पर ही चलने की प्रैक्टिस की। आज मोहित एक पैर से ही पूरा बैलेंस बनाकर चलता है और पूरे जोश के साथ बॉडी बिल्डिंग चैम्पियनशिप में हिस्सा लेता है। बॉडी बिल्डिंग में हिस्सा लेने के लिए उसके गुरु संपत सिंह ने प्रेरित किया था।