कुछ सरकारी सस्ते गल्लो की दुकान बन रहा हैं प्राइवेट दुकान !
देहरादून। सरकार जहाँ गरीबो के लिये अनेक योजनाएँ लाती हैं वही ऊपर से नीचे तक गरीबो के पास आते-आते वह योजना भी विलुप्त हो जाती हैं। देहरादून की अनेक सरकारी सस्ते गल्ले की दूकान हैं जो जनता को राशन वितरित करती हैं। गरीब एंव मध्यम के लोगों के लिए वितरण प्रराणी एंव मध्यम वर्ग से कुछ ऊपर के वर्गो के प्रणाली में अन्तर साफ दिखाई पड़ता है। यह प्रणाली कुछ सरकारी सस्ते गल्लो के मालिकों ने की हुई हैं। जनता की समस्याए इससे सम्बन्धित बहुत हैं जनता के अनुसार हमें राशन का समय वितरण ठीक से नही बताया जाता हैं। जब राशन लेने जाते हैं तो राशन खत्म बताया जाता हैं गरीब व्यक्ति राशन लेने पहुँचता है तो राशन नही यदि कार से उतर कर सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान पर दुसरा व्यक्ति जाता हैं तो तुरन्त राशन उपलब्ध हो जाता हैं यही हैं भारत और इण्डि़या में अन्तर। बहुत से सरकारी सस्ते गल्ले ऐसे भी है जो इन प्रराणियों में अन्तर नहीं रखते वह अपना काम अच्छे तरीके से करते हैं। वहाँ की जनता उनसे खुश भी रहती है। इस विभाग से सम्बन्धित अधिकारी इस पर गौर करके ऐसी दुकानों पर कार्यवाही करे।