गांव में हो रहे कैबिनेट बैठक को नहीं पचा पा रही है भाजपा: सुरेन्द्र कुमार
देहरादून । मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार ने कहा है कि खेत, खलियान और गांव के लोगों के लिए कैबिनेट बैठक में लिये गये निर्णय भाजपा के नेता पचा नही पा रहे है। उन्होंने कहा कि भगवानपुर के चुडियाला में आयोजित कैबिनेट बैठक में राज्य सरकार ने जो जनकल्याणकारी निर्णय लिये है, वह ऐतिहासिक है। जहां पर किसानों का मुआवजा का 100 करोड़ रुपये, 32 करोड़ रुपये गन्ना किसानां का बकाया, 5 करोड़ रुपये आंगनबाड़ी महिलाओं के लिए कोष की स्थापना, वन रैंक वन पेंशन, आन्दोलनकारियों के लिए क्षैतिज आरक्षण हेतु विधेयक लाना, भगवानपुर से मोहंड तक के क्षेत्र को लघु औद्योगिक क्षेत्र घोषित करना, देहरादून में पायल प्रोजेक्ट के रूप में 20 रुपये की थाली भोजन देना, रक्षा बंधन पर महिलाओं को पेड़ देना और भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस के तहत बेनामी संपत्ती को जब्त करने जैसे चार दर्जन से अधिक महत्वपूर्ण फैसले लिये गये है। सबसे बड़ी बात यही कि अपने संसाधनो के द्वारा लिये गये निर्णय दीर्घकालीन दृष्टिकोण को रखकर बनाये गये है। इस पर भाजपा नेताओं का प्रलाप-विलाप करना उनका खेत-खलियान, गांव गरीब के प्रति द्रुराग्रह को दर्शाता है। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ने नये आय के सा्रेत व राज्य के संसाधनों को बढ़ाने के लिए भी कुछ क्षेत्र चिन्हित किये है। जिससे अपनी आय बढ़ाकर राज्य आगे बढ़ सके। देश में उत्तराखण्ड पहला राज्य होगा, जो वाटर बोनस देगा। मेरा पेड़ मेरा धन योजना के तहत भी बोनस दिया जा रहा है, इससे वृक्षारोपण को प्रोत्साहन मिल रहा है। 60 वर्ष से अधिक आयु के हर बुजुर्ग को पेंशन से जोड़ना। मेरा गांव मेरा धन के तहत पर्वतीय क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं के निवास में कदम उठाये गये है। आज भी राज्य की जनता केन्द्र सरकार से आपदा राहत, अर्द्ध कुम्भ, लगभग 350 गांवों के पुनर्वास आदि के लिए केन्द्र की सहायता का इंतजार कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रलाप और विलाप की हद यहां तक पहुंची है, कि जब हरीश रावत सरकार को मात्र 9 दिन ही हुए थे, तो भाजपा के लोग अविलम्ब अविश्वास प्रस्ताव लेकर आ गये थे। जोकि अत्यंत दुःखद है, साथ ही लोकतांत्रिक प्रक्रिया का मजाक उड़ाना है। उन्होंने कहा कि भाजपा की जब प्रदेश कार्यकारिणी समिति की बैठक हुई, तो उसमें भी प्रस्ताव पारित किया गया कि जब तक हरीश रावत मुख्यमंत्री है, तब तक भाजपा की सत्ता मं वापसी मुश्किल है। इससे भाजपा की मानसिकता का पता चलता है।