जज्बा हो तो सब मुमकिन है, जानिये खबर
दादाबाड़ी | अब वह समय नहीं रहा जब महिलाएं घर की दहलीज तक सीमित थी वर्तमान समय में अब घर से बाहर निकलकर महिलाये जाॅब और बिजनेस तक कर रही है। अब महिलाओं का जज्बा इतना है कि वो अपने हौसलों और हिम्मत से घर-परिवार और महिलाओं की संबल बनी हुई हैं। ऐसी महिलाओं ने अपने जीवन में चुनौतियां स्वीकारी और स्वयं के अलावा अपने समूहों से जुड़ी महिलाओं को भी आर्थिक मजबूती प्रदान कर मुकाम हासिल किया। महिला अधिकारिता विभाग की ओर से गवर्नमेंट म्यूजियम के पास ग्रामीण हाट में लगाई एग्जीबिशन में ऐसी ही महिलाओं की कामयाबी देखने को मिली। इनमें शहर की दादाबाड़ी निवासी भंवर कंवर हैं, जिन्होंने पति के व्यवसाय में नुकसान होने पर परिवार को संभाला। वहीं, सवाईमाधोपुर की सुनीता ने पति की मौत के बाद बच्चों को पढ़ाकर नौकरी दिलवाई और बेटियों के हाथ पीले किए।