दूसरो के लिए कैसे जीया जाता है सीखे सपना उपाध्याय से….
दूसरों के लिए कैसे जीया जाता है यह आशियाना कॉलोनी सेक्टर-एच में रहने वाली सपना उपाध्याय से बखूबी सीखा जा सकता है। सपना कैंसर से जूझ रहे गरीब परिवार के बच्चों के इलाज के दौरान खून की जरूरत पर घरवालों को इधर-उधर न भटकना पड़े, इसके लिए हर महीने रक्तदान शिविर भी लगवाती है | सपना के पति बिजनेसमैन हैं और बेटी एमिटी यूनिवर्सिटी में पढ़ रही है। उन्हें दूसरों की मदद का खयाल 16 साल पहले आया, जब बेटी को अचानक एक दिन बुखार आ गया। तब वह लखनऊ विवि के बॉटनी विभाग में माइक्रोबायोलॉजी में रिसर्च कर रही थीं। अस्पताल में बेटी के इलाज के दौरान गंभीर बीमारियों से जूझ रहे गरीब परिवार के बच्चों को देखा तो उनकी मदद का संकल्प लिया। बेटी के स्वस्थ होने के बाद मुहिम शुरू की। बाल रोग विभाग में आईसीयू प्रभारी डॉ. योगेश गोविल से जरूरतमंद परिवारों की जानकारी मांगी। उनके आग्रह पर एक रोज डॉ़ गोविल ने फोन किया। उनके बताने पर एक गरीब परिवार के लिए दवाओं का इंतजाम किया।