देश का भविष्य पढे लिखे युवा या अनपढ़ राजनेता ?
अरुण कुमार यादव (संपादक)
देश में जहा एक तरफ पढे लिखे नवजवान युवाओ की टोली ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट हो कर भी अपनी प्रातिभा को मान्य करने के लिए इधर-उधर भटकते है वही अनपढ़ या प्राइमरी पास सांसद , विधायक बन कर देश के पढे लिखे युवाओ की तक़दीर लिखते है | यह हमारे देश की वह तस्वीर है जो प्रगति के रास्ते का खोखला प्रतिबिम्ब बनाती है | यह वह देश है जहा अमीरों की अमीरी बढ़ाने के लिए उसके अंतर्गत नियमावली को रातोरात बदल दिया जाता है पर एक गरीब की ग़रीबी बदलने के उसके अधिकार और ज़मीन कौड़ी के भाव में खरीद लिए जाते है | इतना ही नही हमारे देश के कुछ को छोड़ अनोखे राजनेता धर्म धर्म कर रही सही कसर को भी पूरा कर देते है | एकता पर चोट अनेकता पर विश्वास के माध्यम से राजनीति करने वाले कुछ राजनेता देश को उस दलदल में झोक रहे है जो देश को कई वर्ष पीछे पहुँचा सकते है |देश की जनता अब नही जागरूक होगी तो अपने बच्चों की भविष्य के साथ साथ देश का भविष्य अंधकारमय करेगी |इस समय देश को ऐसे युवाओ की जरुरत है जो पढाई लिखाई पूरी कर नौकरी के अलावा देश के राजनीति में रूचि ले जिससे गंदे राजनेताओ की राजनीति में एंट्री बंद हो सके |