नारी निकेतनों में सुरक्षा की व्यवस्था पुख्ता की जाए : हरीश रावत
प्रदेश में स्थित नारी निकेतनों व बाल संरक्षण गृहों की व्यवस्थाओं में आमूलचूल परिवर्तन लाए जाएं। नारी निकेतन अच्छे स्तर के हाॅस्टल व ट्रेनिंग सेंटर के रूप में होने चाहिए। बुधवार को बीजापुर हाउस में समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने निर्देश दिए कि सभी नारी निकेतनों में सुरक्षा की व्यवस्था पुख्ता की जाए। इसके लिए पुलिस विभाग द्वारा जो भी सुझाव दिए जाएं, उन पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। नारी निकेतनों की दीवारें ऊंची की जाएं। सीसीटीवी लगाए जाएं और गेट बंद रखे जाएं। संवासिनियों को कूकिंग, ब्यूटिशियन आदि की ट्रेनिंग दी जाए। मुख्यमंत्री ने एसएसपी देहरादून को निर्देश दिए कि संवासिनी मामले में जिसकी भी संलिप्तता सामने आती है, उस पर सख्त एक्शन लिया जाए। अपर मुख्य सचिव एस राजू ने बताया कि राज्य के सभी नारी निकेतनों में पूरे स्टाफ को बदला जा रहा है। अब वहां केवल महिला स्टाफ तैनात की जाएगी। सुरक्षा के लिए महिला होमगार्ड लगाई जाएंगी। मुख्यमंत्री रावत ने समाज कल्याण विभाग को बुनकरों के लिए कबीर पेंशन व सगुन अक्षर गाने वाली महिलाओं के लिए पेंशन प्रारम्भ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 60 वर्ष की आयु प्राप्त कर चुके बुनकरों को पेंशन की योजना बनाई जाए। उत्तराखण्ड के विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में शादी विवाह के अवसरों पर पारम्परिक तौर पर कुछ महिलाओं द्वारा सगुन अक्षर गाए जाते हैं। ये हमारी लोक संस्कृति का हिस्सा हैं। इन्हें प्रोत्साहित करने के लिए पेंशन की योजना बनाई जाए। बैठक में मुख्यमंत्री के सलाहकार रणजीत रावत, अपर मुख्य सचिव एस राजू, प्रमुख सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव डा.भूपिंदर कौर औलख, निदेशक समाज कल्याण वीएस धानिक उपस्थित थे।