पाक को उसकी नापाक हरकतों का कड़ा जवाब दिया जाएगा
देहरादून । विश्व संवाद केन्द्र के वार्षिकी लोकार्पण समारोह में बतौर मुख्य वक्ता डा. राकेश सिन्हा ने कहा कि पाक को उसकी नापाक हरकतों का कड़ा जवाब दिया जाएगा। कश्मीर कोई इस्लामिक जमीन नहीं, उसकी इंच-इंच जमीन पर देश का अधिकार है। शेख अब्दुला, मुफ्ती के वारिस अपनी रीति नीति तय कर लें कि उन्हें कहां रहना है। वह यहां नहीं रह सकते तो दुनिया में कहीं भी नहीं रह पाएंगे। एएमएन घोष सभागार में आयोजित कार्यक्रम में लोकतंत्र के सम्मुख उपस्थित चुनौतियां विषय पर बोलते हुए दिल्ली विवि में राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर डा. सिन्हा ने कहा कि जब तक हम उदार हैं, पाक का वजूद रहेगा। हम उदारता छोड़ देंगे तो पाक का नामोनिशां मिटते समय नहीं लगेगा। पुलवामा की आतंकी घटना के बाद देश न सिर्फ कड़ा बदला चाहता है, बल्कि विश्व से भी भारत को समर्थन मिल रहा है। पांडवों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पांडव पांच गांव पाकर भी खुश रहना चाहते थे। लेकिन जब उन पर युद्ध थोपा गया तो उन्होंने न सिर्फ पूरा युद्ध लड़ा और कौरवों का समूल नाश भी किया। शेख अब्दुला और मुफ्ती का जिक्र करते हुए कहा कि उनके वारिस अगर इस देश में नहीं रह सकते तो विश्व में कहीं भी उन्हें आसरा नहीं मिलेगा। यहां रहने तक ही उनकी उपयोगिता है। इसलिए वह यह तय कर लें उन्हें करना क्या है। भारतीय लोकतंत्र की खासियत कलम उठाना है तो धनुष उठाना भी। देशवासी कश्मीर मसले का अब सिर्फ समाधान चाहते हैं, चाहे वह तर्क से निकले या शक्ति के प्रयोग से। कश्मीर की जमीन पर देश के हर नागरिक का हक है। जो देशहित की बात नहीं करेगा, वह कहीं के नहीं रहेंगे। भारत का लोकतंत्र बेहद मजबूत है। हालांकि उसे जातिवाद, व्यक्तिवाद और साम्प्रदायिकता से खतरा है। इस जहर से बचना है तो देश को सामाजिक आंदोलनों से जुड़ना होगा। देश को विनोवा भावे, डा.हेडगेवार, विवेकानंद, दयानंद सरस्वती जैसे समाज सुधारक मनीषियों की जरूरत है। आने वाली पीढ़ी के लिए विष नहीं अमृत संजोना है तो लोकतंत्र के इन विरोधी तत्वों से सजग रहना होगा। कार्यक्रम में मौजूद सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि युद्ध के लिए जो मनोस्थिति बन रही है। देश उसके लिए तैयार हो रहा है।