प्रकृति के बिना मानव जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती : कुलपति अन्नपूर्णा नौटियाल
आनलाईन कार्यशाला का आयोजन
देहरादून | हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के विधि विभाग द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस पर एक आनलाईन कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि कुलपति प्रोफेसर अन्नपूर्णा नौटियाल रही । कुलपति ने पर्यावरण के महत्व को बताते हुए कहा कि पर्यावरण का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। प्रकृति के बिना मानव जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। इसके लिए आवश्यक है कि हम सभी अपने पर्यावरण को सुरक्षित रखें और उसे नुकसान होने से बचाएँ। इस कार्यशाला के समन्वयक प्रोफेसर ए. के पांडेय, संकाय एवं विभागाध्यक्ष विधि विभाग ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए पर्यावरण दिवस एवं उसके उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। परिसर निदेशक प्रोफेसर ए ए बौराई ने पर्यावरण के महत्व पर प्रकाश डाला। इस कार्यशाला की संयोजिका डॉ ममता राणा ने कार्यशाला की विषय वस्तु पर प्रकाश डाला। इस कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफ़ेसर एम.के रमेश, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय बैंगलोर, प्रोफेसर पी.एस जसवाल, एस.आर.एम विश्वविद्यालय सोनीपत एवं प्रोफ़ेसर जीएन सिन्हा यूपीईएस देहरादून थे। तीनों मुख्य वक्ताओं ने पर्यावरण विधि एवं उसकी नीतियों पर्यावरण एवं सतत विकास तथा ई वेस्ट प्रबंधन के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य पर विस्तार से चर्चा किया। मुख्य वक्ताओं ने बताया कि पर्यावरण जीवन है, इसके बिना जीवन संभव नहीं और पर्यावरण यहीं तक सीमित नहीं है बल्कि बहुत कुछ है । यदि मानवता को बचाना है तो हम सभी को पर्यावरण के प्रति सचेत होना होगा, वृक्षों को लगाना होगा, प्रदूषण फैलाने से बचना होगा। पर्यावरण का ध्यान रखते हुए ही हमको विकास करने की आवश्यकता है, पर्यावरण को नुकसान पहुँचा कर नहीं। ई वेस्ट के प्रबंधन पर जोर दिया जाना आवश्यक है। यद्दपि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किए गए हैं फिर भी यह काफी नहीं है। इस प्रकार मुख्य वक्ताओं ने पर्यावरण के विभिन्न आयामों पर विस्तार से चर्चा किया। इस कार्यक्रम के मॉडरेटर डॉक्टर सुधीर कुमार चतुर्वेदी, डॉ विशाल गुलेरिया एवं मुकेश रावत थे। अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रोफ़ेसर सुभाष गुप्ता ने दिया। इस कार्यक्रम में डाॅ. रामप्रकाश, डाॅ. आलोक कुमार यादव, हिमानी बिष्ट, हंसराज बिष्ट, अन्य शिक्षक, छात्र एवं छात्राएँ उपस्थित थे।