प्रदेश में हुनर का वातावरण बनाने की जरुरत: रावत
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश में हुनर का वातावरण बनाने तथा तालीम पर विशेष ध्यान देने की जरूरत बतायी है। प्रदेश में शिक्षा पर सबसे अधिक खर्च होने के बाद भी उसका अपेक्षित लाभ न मिलना चिंता का विषय है। प्रदेश में उत्तर प्रदेश की अपेक्षा अधिक डिग्री व इण्टर कालेज, हाईस्कूल, आईटीआई, पाॅलिटेक्निक व इंजीनियरिंग कालेज होने के बावजूद हम उनका कितना फायदा ले पा रहे हैं, यह हमे देखना होगा। रविवार को भगतसिंह कालोनी अधोईवाला में 690.10 लाख की लागत से निर्मित अल्पसंख्यक कल्याण भवन का लोकार्पण करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि इस भवन के बनने से अल्पसंख्यक कल्याण से संबंधित विभिन्न विभागों को एक ही स्थान पर संचालित करने से लोगों को एक ही छत के नीचे सभी सुविधायें उपलब्ध हो सकेंगी। उन्होंने कहा हम सबको मिलजुल कर एक दूसरे की समस्याओं व तकलीफों को समझकर उनका निराकरण करना होगा, तभी हम अपने सूबे को बेहतर बना सकेंगे। गुरबत दूर होने से ही तरक्की की जा सकती हैं। हम अपने सूबे की तरक्की के लिए क्या कर सकते हैं, यह हमारी सोच होनी चाहिए। समाज के 20-25 लाख गरीबों को अपने पांवो पर खडे होने तथा उन्हें विकास की दौड में शामिल करने के लिए हमें प्रयास करने होंगे। उन्होंने अल्पसंख्यकों को उनकी आबादी के हिसाब से रोजगार उपलब्ध कराने तथा लोक सेवा आयोग आदि में प्रतिनिधित्व दिये जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि हमें तालीम पर विशेष ध्यान देना होगा तभी हम तरक्की कर पायेंगे। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक कल्याण के लिए गठित विभिन्न आयोग व बोर्ड आदि भी अच्छी तालीम वालो को कोचिंग आदि की मदद देने के लिए भी आगे आये, सरकार इसमें उनका सहयोग करेगी। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि प्रदेश में नये मदरसों की मदद के लिए भी योजना बनायी जायेगी। कब्रस्तानो की चाहरदीवारी के लिए तीन वर्षीय योजना के लिए 129 करोड़ रूपये स्वीकृत किये गये है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास समाज के सभी वर्गों का समान रूप से कल्याण का है। उन्होंने रायपुर में 10 कि0मी0 सी.सी.मार्ग, अधोईवाला क्षेत्र में ट्यूब वैल तथा क्षेत्र के पार्क में हाईमास लाइट लगाये जाने की घोषणा भी की।