फिक्की फ्लो ने आयोजित की बाल अधिकार और कानूनी शिक्षा पर कार्यशाला
देहरादून । फिक्की फ्लो, शिक्षा और कानूनी उद्योग समिति ने आज दून हेरिटेज स्कूल, देहरादून में बाल अधिकार और कानूनी शिक्षा पर एक सत्र का आयोजन किया। इस सत्र में बच्चों को पोक्सो एक्ट से अवगत कराया गया। साथ ही उनके नागरिक एवं विद्यार्थी होने के नाते उन्हें अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में भी जागरुक कराया गया। इस सत्र में 200 लोगों ने हिस्सा लिया था जिसमें दून हेरिटेज स्कूल के छात्र-छात्राएं एवं स्टाफ के सदस्य भी शामिल थे। सुश्री तालिश रे, उच्चतम न्यायलय की अधिवक्ता और दिल्ली के टीआरएस कानून कार्यालयों की ओनर सत्र में वक्ता थीं। उन्होंने कानून की आवश्यकता के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि बच्चों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक होना चाहिए। भारत में बाल अधिकार, पोक्सो, निहित पूर्वाग्रह तथा अच्छे और बुरे स्पर्श के बीच के अंतर के बारे में भी बच्चों को पूरी जानकारी होनी चाहिए। इस सूचनात्मक सत्र में मुख्य अतिथि राज्य बाल अधिकार आयोग, उत्तराखंड की अध्यक्ष श्रीमती उषा नेगी थीं। उन्होंने बच्चों को मोबाइल फोन और इंटरनेट से दूर रहने की सलाह दी। साथ ही उन्होंने बच्चों के शोषण और बाल श्रम के विरुध आवाज उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। फिक्की फ्लो की संयुक्त सचिव सुश्री नेहा शर्मा ने इस अवसर पर टिप्पणी करते हुए कहा, ष्हमारे बच्चे हमारे राष्ट्र के निर्माण खंड हैं और यह हमारा कर्त्तव्य है कि हम उन्हें उनके अधिकारों और कर्त्तव्यों के बारे में जागरुक करें। आज के सत्र में हमने ऐसा करने की कोशिश की है । आज के सत्र में हमें बच्चों का जोश और उत्साह देखकर बहुत गर्व हुआ। बच्चों को हमारे संविधान और हमारे कानून निर्माताओं द्वारा अधिनियमित किए गए कानूनों के जरिए सुरक्षित और संरक्षित होने की गारंटी है। आज के सत्र का उद्देश्य हमारे बच्चों के भविष्य को उनके अधिकारों के बारे में जागरुक करके उन्हें सुरक्षित बनाना है, दून हेरिटेज स्कूल की प्रधानाचार्या और शिक्षा उद्योग समिति की सह-समन्वयक मीनाक्षी सोती ने कहा। इस मौके पर नेहा शर्मा, संयुक्त सचिव, फिक्की फ्लो, मीनाक्षी सोती, दून हेरिटेज स्कूल की प्रिंसिपल और शिक्षा उद्योग समिति की सह-समन्वयक, त्रिशला मलिक एडवोकेट, कानूनी और वकालत समिति के मुख्य सह-समन्वयक और फिक्की के अन्य सदस्य मौजूद थे।