भाजपा नेताओं को कैग रिपोर्ट ठीक से पड़नी नही आयी : सुरेन्द्र कुमार
मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार ने भाजपा नेताओं द्वारा आपदा व कैग रिपोर्ट पर की गई बयानबाजी पर पलटवार करते हुए कहा है कि शायद भाजपा नेताओं को कैग रिपोर्ट ठीक से पड़नी नही आयी है। कैग रिपोर्ट में जो उल्लेख किया गया है, उसके अनुसार यह कहा गया कि यदि आपदा से निपटने के पूर्व व्यवस्थाएं की जाती तो, मानव जीवन को बचाया जा सकता था। भाजपा के दोस्तो को याद दिलाना चाहूंगा कि वर्ष 1988 में मालपा की त्रासदी और वर्ष 2010 में राज्य हुई दैवीय आपदा की घटना से यदि भाजपा के दोस्तो ने सबक लिया होता और भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए ठोस कार्ययोजना बनायी होती तो, शायद कैग को ऐसी टिप्पणी न करनी पड़ती। श्री कुमार ने कहा कि वर्ष 2013 में जो आपदा आयी थी, वह साधारण किस्म की आपदा नही थी, बल्कि महाप्रलय थी। आपदा के ऐसे समय भाजपा नेताओं ने देश-दुनिया से आने वाले पर्यटकों को दो साल तक उत्तराखण्ड न आने की बात कही थी और यह भी कहा था कि आये तो सिर पर कफन बांध कर आये। लेकिन वो भूल रहे है कि राज्य सरकार ने उपलब्ध संसाधनों के बल पर इस महाप्रलय का मुकाबला किया और अधिक से अधिक मानव जीवन को सुरक्षित बचाया। आपदा के कारण ध्वस्त हो चुकी चारधाम यात्रा और बाबा केदारनाथ के पुनर्निर्माण कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया। राज्य सरकार के प्रयासों का फल है कि इस वर्ष केदारनाथ सहित चारधाम यात्रा पर देश-विदेश से लगभग 10 लाख से अधिक तीर्थ यात्री आये। भाजपा नेता केन्द्र सरकार की असफलताओं और अपने भविष्य को अंधकारमय देखकर बैचैन है। भाजपा की यह बेचैनी गैरसैण के पिछले सत्र और इस बार के सत्र में साफी देखी जा सकती है। इस बार के गैरसैण सत्र में भाजपा नेताओं ने मर्यादाओं को तार-तार किया है। विधान सभा की पीठ लोकतंत्र में विश्वास का प्रतीक होता है। भाजपा नेताओं ने पीठ के विरूद्ध जिस प्रकार से अमार्यादित टिप्पणी की है, उससे लगता है कि वह नई परम्परा शुरू कर रहे है।