भारी बरसात के चलते छः लिंक मार्ग हुए बंद
रुद्रप्रयाग। जिले में दो दिनों से हो रही बारिश के कारण आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बारिश है कि थमने का नाम नहीं ले रही है। केदारघाटी में जोरदार बारिश जारी है, जिससे आपदा प्रभावित लोगों के माथे पर चिंता की लकीरे पड़ने लगी है। वहीं भारी बारिश के चलते बद्रीनाथ हाईवे सिरोबगड़ में बंद हो गया है। फिलहाल व्यवस्था के तौर पर वैकल्पिक मार्ग छांतीखाल मार्ग से आवाजाही की जा रही है। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाले छः लिंक मार्ग बंद पड़े हुए हैं, जिस कारण ग्रामीण जनता को मीलों का सफर पैदल तय करना पड़ रहा है। दरअसल, मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार जिले में बारिश का क्रम जारी है। भारी बारिश के चलते जनजीवन भी प्रभावित होने लगा है। जहां बारिश ने ग्रामीण क्षेत्रों को सड़क मार्ग से अलग कर दिया है, वहीं बद्रीनाथ हाईवे भी जगह-जगह नासूर बन गया है। बद्रीनाथ हाईवे के सिरोबगड़ में भारी मात्रा में बोल्डर और पत्थर आये हैं, जिन्हें साफ करने में लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग खण्ड को समय लगेगा। लगातार बरसात होने से राजमार्ग को खोलने में दिक्कतें आ रही हैं। ऐसे में व्यवस्था के तौर पर खांखरा-छांतीखाल मोटरमार्ग से आवाजाही की जा रही है, जिससे यात्रियों को अतिरिक्त सफर तय करना पड़ रहा है। सोचनीय बात यह भी है कि दो दशक से सिरोबगड़ डेंजर जोन का समाधान नहीं हो पाया है और हर बरसात में राजमार्ग बाधित हो जाता है, जिस कारण यात्रियों को भारी दिक्कतें झेलनी पड़ती है। विभाग की ओर से राजमार्ग पर करोड़ों रूपये खर्च किये जा रहे हैं। सिरोबगड़ की पहाड़ियां विभागीय अधिकारियों के लिए सफेद हाथी साबित हो रही हैं। बारिश के चलते ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने छः से अधिक लिंक मार्ग बंद पड़ गये हैं। जगह-जगह मोटरमार्गों के मलबा और बोल्डर आया हुआ है, जिसे साफ कराने की जहमत विभागीय अधिकारी नहीं उठा रहे हैं। ऐसे में ग्रामीण जनता को रोजमर्रा की जरूरतों को पीठ पर ढोकर ले जाना पड़ रहा है। भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष मदन सिंह रावत ने कहा कि बारिश के कारण आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है। बारिश से सबसे अधिक असर ग्रामीण क्षेत्रों में पड़ रहा है। मोटरमार्ग के साथ ही पैदल संपर्क मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो गये हैं। रुद्रप्रयाग-चोपता-पोखरी मोटरमार्ग दुर्गाधार में जानलेवा बना हुआ है। यहां पर मार्ग का एक बड़ा हिस्सा ढह गया है, जिस कारण वाहनों की आवाजाही में दिक्कतें हो रही हैं। कहा कि केदारघाटी के आपदा प्रभावित लोग डरे और सहमे हुए हैं। आज तक 472 आपदा प्रभावित परिवारों का विस्थापन नहीं हो पाया है। विस्थापन न होने से आपदा प्रभावित बरसात में घरों को छोड़ने के लिए मजबूर हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि सिरोबगड़ का समाधान किया जाना अत्यंत जरूरी है। अधिकारियों के लिए सिरोबगड़ की पहाड़ियां सफेद हाथी साबित हो रही है। मलबा साफ करने के नाम पर करोड़ों रूपये का गबन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं को देखते हुए शीघ्र समाधान किया जाना आवश्यक है।