महाकुंभ पर्व पर सभी अखाड़ों को सुविधाएं प्रदान की जाएंगीः मदन कौशिक
हरिद्वार । हरिद्वार में आयोजित होने वाले आगामी 2021 महाकुंभ मेले को लेकर बैरागी अणियों के संतों महंतों ने शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के खन्ना नगर स्थित आवास पर उनसे मुलाकात कर महाकुंभ मेले की व्यवस्थाओं को लेकर विचार विमर्श किया। इस अवसर पर पंच निर्वाणी अणी अखाड़े के महंत धर्मदास महाराज ने कहा कि महाकुंभ मेला विश्व भर में भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म की अदभूत पहचान का केंद्र बिन्दु है। महाकुंभ पर्व पर सभी तेरह अखाड़ों को सरकार से सुविधाएं मिलनी चाहिए। स्थायी निर्माण पर अधिक से अधिक जोर दिया जाना चाहिए। कुंभ मेले के दौरान लगने वाले संतों महामण्डलेश्वरों के शिविरों के आसपास सरकार को सड़क, बिजली और पेयजल के विशेष प्रबंधन करने चाहिए। सरकार को अतिरिक्त मेला भूमि को भी चिन्हित कर आश्रम अखाड़ों के संतों को स्थान उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को भी लागू कराना होगा। जिससे किसी भी प्रकार की दिक्कतें महाकुंभ मेले के दौरान ना हो। पंच निर्मोही अखाड़े के परमाध्यक्ष महंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि प्रयागराज कुंभ मेले की तर्ज पर ही हरिद्वार का कुंभ मेला संपन्न कराने में सरकार को वृहद स्तर से तैयारियां कर लेनी चाहिए। कुंभ क्षेत्र में नियमित सफाई व्यवस्था के साथ साथ सुरक्षा के इंतजाम भी पुख्ता होने चाहिए। करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु भक्तों के साथ-साथ देश दुनिया से कुंभ मेले में आम जनमानस पहुंचता है। ऐसे मेंकुंभ मेला सकुशल संपन्न हो इसको लेकर प्रभावी रूप से राज्य की त्रिवेंद्र सरकार को रूपरेखा तैयार करनी चाहिए। पार्किंग स्थल के अलावा हाईवे सड़क निर्माण आवश्यक रूप से पूरा किया जाना जरूरी है। पौराणिक मंदिरों के जीर्णोद्धार के प्रयास भी सरकार को करने चाहिए। उन्होंने कहा कि सनातन परम्पराओं का निर्वाह संत समाज करता चला आ रहा है। कुंभ मेले के आयोजन में भारतीय सनातन संस्कृति की पताका संत समाज द्वारा ही फहरायी जाती है। सरकार को हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेले की तैयारियां जोरो शोरो से करनी चाहिए। जिससे किसी भी प्रकार की असुविधा संत समाज व आमश्रद्धालुओं को नही होनी चाहिए। हरकी पैड़ी की भव्यता को लेकर भी सरकार को कार्य योजनाएं बना लेनी चाहिए। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने संतों के प्रतिनिधिमण्डल को पूर्ण आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार महाकुंभ मेले के आयोजन को लेकर रणनीति के तहत कार्य कर रही है। समान रूप से संतों को सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। किसी के साथ भी भेदभावपूर्ण नीति नहीं अपनायी जाएगी।