मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सुना आम जनता की समस्याएं
कोटद्वार | मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोटद्वार के सिटी मांटेसरी स्कूल में आयोजित जनता-मिलन कार्यक्रम में आम जन की विभिन्न समस्याओं को सुना व उनके त्वरित निराकरण के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। जनता मिलन में अधिकतर समस्याएं आर्थिक सहायता, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, सड़क व मुआवजे से संबंधित थी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कोटद्वार स्थित स्टेडियम का नाम स्व. सचिदानंद भारती के नाम पर रखने, विकास खण्ड दुगड्डा में विभिन्न स्थानों यथा 4 किमी, 1.5 किमी तथा 2.5 किमी सीसी मार्ग के निर्माण करने, स्व.चन्द्रमोहन अस्पताल से कलालघाटी के बीच 90 मीटर डबल लेन पुल तथा बाढ़ सुरक्षा दीवार के निर्माण कार्य की घोषणा की। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि सिम्भलचैड़-सिताबपुर तथा हल्दूखाता-दुर्गापुर के 12 कि.मी. मोटर मार्ग निर्माण भी किया जायेगा। जनता-मिलन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के साथ ही भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार द्वारा कार्य किया जा रहा है। सभी न्याय पंचायतों को ग्रोथ सेंटर के रूप में विकसित किया जायेगा। प्रारम्भिक चरण में 50 न्याय पंचायतों से यह शुरूआत की जायेगी, जिससे महिलाओं एवं युवाओं हेतु रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा राज्य के विभिन्न राष्ट्रीय पार्कों में विद्युतीकरण का कार्य किया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि पलायन को रोकने के लिए ग्रामीण विकास एवं पलायन आयोग का गठन किया गया है। पर्वतीय क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए डाॅक्टरों की तैनाती की गई है साथ ही आर्मी से भी डाॅक्टरों की मांग की गई है, जिसके सकारात्मक परिणाम मिल रहे है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक पात्र व्यक्ति को योजनाओं का लाभ मिल सकें। इसके लिए उन्होंने जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को समन्वय बनाकर कार्य करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पं.दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत लघु, सीमान्त एवं गरीब किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए सरकार द्वार 2 प्रतिशत की ब्याज दर पर 01 लाख रूपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कृषि तथा बागवानी के माध्यम से स्वरोजगार को अपनाये जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में स्वैच्छिक चकबंदी को बढ़ावा देने की योजना पर भी कार्य किया जा रहा है। इसके तहत पंचुर, खैरा तथा लखोली गांव में चकबंदी कार्य शुरू किया जा चुका है। इसके अलावा सीमांत क्षेत्रों में अखरोट के 4 हजार पौधा भी निःशुल्क वितरित की जाएगी।