मुख्यमंत्री ने सैनिकों को समर्पित की रेडियो देहरादून 91.2 MHZ
देहरादून | मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को बीजापुर अतिथि गृह में सैनिकों को समर्पित रेडियो देहरादून 91.2 MHZ का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सैनिक बाहुल्य प्रदेश है, सैनिकों को समर्पित रेडियो देहरादून के शुभारंभ से सेवानिवृत्त व सेवारत सैनिकों, अर्द्धसैनिक बलों, पुलिस आदि के जवानो को सम्मान प्राप्त होने के साथ ही युवाओं को भी अपनी सैन्य परंपरा की बेहतर जानकारी प्राप्त हो सकेगी। उन्होंने कहा कि हमारी युवा पीढ़ी हमारा भविष्य है उनके मन में किसी भी घटना का गहरा असर होता है, इससे शौर्य, साहस की हमारी सैन्य परंपरा की जानकारी भी युवाओं को प्राप्त होगी तथा वे देश के बेहतर भविष्य में अपना योगदान दे सकेंगे।
शहीदों की शौर्य गाथाओं एवं सैन्य परम्पराओं की आवाज बनेगा रेडियो देहरादून
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने रेडियो शुरू कर इसकी शुरूआत की तथा इस पहल की सराहना की, उन्होंने कहा कि इस माध्यम से प्रसारित होने वाले जन जागरूकता के कार्यक्रम आम जनता से जुड़ने में भी मददगार होंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि रेडियो देहरादून शहीदों की शौर्य गाथाओं एवं सैन्य परम्पराओं की भी आवाज बनेगा। इस अवसर पर पद्मश्री बसन्ती बिष्ट, पूर्व सांसद तरूण विजय, प्रमुख वन संरक्षक जयराम, सेवानिवृत जनरल कौशिक, आकाशवाणी के पूर्व सम्पादक विभूति भूषण भट्ट सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत रविवार को गुरूद्वारा दुःख निवारण साहिब, नेहरू कालोनी में आयोजित शहीदों को नमन कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट के परिजनों को सम्मानित करते हुए कहा कि हमे अपने वीर जवानो की शहादत पर गर्व है, शहीदों के परिजनो के दुःख के साथ पूरा समाज खड़ा है। हम उनके दुःखो को भुला तो नही सकते हैं लेकिन उनके कष्टों को अवश्य बांट सकते हैं। दुःख हो या कष्ट बांटने से कम हो जाते हैं। हम सबका दायित्व है कि हम उनके परिवार का हिस्सा बन कर रहें। उन्होंने गुरूद्वारा समिति का इस प्रकार के आयोजन के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि शहीदों को सम्मान देने के लिए ऐसे प्रयास होने चाहिए। उन्होंने कहा कि 1989 से कश्मीर में आंतकवाद का बढ़ना शुरू हुआ। लाखों कश्मीरी पंड़ितो को वहां से पलायन करना पड़ा। हमारे वीर सैनिक इस आतंकवाद का डटकर मुकाबला कर रहे हैं। कश्मीर में जो हालात है, इसे वहा रहने वाले तथा हमारे वीर जवान जानते हैं। कश्मीर आज भी सलामत है तथा भारत का मजबूत हिस्सा है तो हमारे सैनिकों के बल पर कोई भी ताकत कश्मीर को भारत से अलग नहीं कर सकती है। हम सब चाहते हैं कि कश्मीर से आतंकवाद समाप्त हो। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट, शहीद मेजर विभु ढ़ोडियाल, शहीद मोहन लाल रतूड़ी तथा शहीद विजय राणा को भी नमन किया तथा शहीदों को राज्य सरकार की ओर से यथा संभव सहयोग का भरोसा दिया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में सिख समाज के लोग तथा पूर्व सैन्य अधिकारी व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।