मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अनाथ बच्चों और आम आदमी के साथ मनायी दीपावली
बाल निकेतन केदारपुरम के बच्चों की दीपावली इस वर्ष कुछ खास रही। प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस बार दीपावली अनाथ बच्चों, समाज के वंचित वर्ग और आम आदमी के साथ मनायी। मुख्यमंत्री अपने दो वाहनों के साथ बाल निकेतन केदारपुरम के लिए रवाना हुए। मुख्यमंत्री ने आम आदमी की तरह शहर का भ्रमण किया। बिना किसी यातायात को बाधित किये व आम शहरवासी की तरह धर्मपुर के बाजार में रूके और वहां दुकानों से खील बतासे, पटाखे, चाकलेट, फल, मोमबत्ती आदि खरीदी। जिसका मुख्यमंत्री ने भुगतान भी स्वयं किया। मुख्यमंत्री ये सब सामान लेकर बाल निकेतन पहुंचे। यहां रह रहे बच्चों के बीच पहुंचकर मुख्यमंत्री ने सभी बच्चों को प्यार और दुलार करे उन्हें दीपावली के मिठाई दी। छोटे बच्चों को केक काटकर खिलाया। मुख्यमंत्री अपने साथ जो चाॅकलेट लेकर गये थे, वो उन्होंने बच्चों को बांटी। मुख्यमंत्री ने कुछ समय बच्चों के बीच भी गुजारा। बच्चों से बातचीत के दौरान पूछा कि उन्हें क्या-क्या पसंद है। बच्चों ने मुख्यमंत्री को गाना गाकर भी सुनाया। मुख्यमंत्री ने मौके पर उपस्थित सचिव समाज कल्याण भूपिन्द्र कौर औलख को निर्देश दिये कि यहां रहे रहे बच्चों के लिए व्यावसायिक गतिविधि के प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किये जाय। ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित हो, जो आगे चलकर आजीविका के साधन बन सके। कुछ लड़कियों को ड्राइविंग का प्रशिक्षण दिया जाय। मुख्यमंत्री ने बाल निकेतन के बच्चों के खेलने के लिए एक खेल मैदान भी विकसित करने के निर्देश दिये। इसके बाद मुख्यमंत्री नारी निकेतन पहुंचे, जहां पर उन्होंने मानसिक रूप से विक्षिप्त महिलाओं द्वारा बनाये जा रहे पेपर प्लेट व अगरबत्ती देखी। सीएम ने सचिव समाज कल्याण को निर्देश दिये कि इस कार्य को और कुशलता पूर्वक किया जाय। यहां से बनने वाले उत्पादों के लिए बाजार की व्यवस्था भी की जाय। मुख्यमंत्री ने नारी निकेतन में रह रही अन्य महिलाओं से भी मुलाकात की और उन्हें दीपावली की मिठाई, फल आदि वितरित किये। यहां पर सीएम के समक्ष नारी निकेतन में रह रही महिलाओं व बालिकाओं ने भजन गाकर सुनाये। साथ योगा भी करके दिखाया।