राज्य कर्मियों एवम पेंशनरों के लिए यू-हेल्थ योजना अनिवार्य हुई
राजकीय कार्मिकों और पेंशनरों के लिए यू-हेल्थ योजना अनिवार्य की गई है। इसको कारगर ढंग से लागू करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक सोसाइटी का गठन किया जाएगा। इसमें प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, प्रमुख सचिव वित्त, कार्मिक और पेंशनर संघ के पदाधिकारी सदस्य होंगे। मुख्य सचिव एस.रामास्वामी की अध्यक्षता में सचिवालय में बैठक हुई। बैठक में यू-हेल्थ योजना को और अधिक उपयोगी बनाने पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में बताया गया कि यू-हेल्थ योजना सभी कार्मिकों और पेंशनर्स को अनिवार्य करने से वर्तमान में लागू चिकित्सा प्रतिपूर्ति की प्रक्रिया सरल होगी। सूचीबद्ध निजी और राजकीय अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा मिल सकेगी। इसके लिए स्मार्ट हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा। हेल्थ कार्ड को आधार से लिंक किया जाएगा। कार्मिकों और पेंशनधारकों के अंशदान से लगभग 40 करोड़ रुपए प्रति वर्ष मिलेंगे। इसी से चिकित्सा उपचार का व्यय भार वहन किया जाएगा। योजना के सफल संचालन के लिए गवर्निंग बॉडी बनाई जाएगी। टीपीए (थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेशन) के माध्यम से योजना चलाई जाएगी। सूचीबद्ध निजी अस्पतालों को सीजीएचएस(सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम) की दरों पर भुगतान किया जाएगा। अभी तक प्रदेश के 11 और प्रदेश के बाहर के 02 निजी अस्पताल पंजीकृत किए गए हैं। बैठक में अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव वित्त अमित नेगी, डीजी हेल्थ डॉ.डी.एस.रावत सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।