शिवपाल यादव की दूसरी पारी कही घोटाले खुलने का दबाव तो नहीं !
लखनऊ। सपा नेता शिवपाल यादव सीएम योगी आदित्यनाथ से उनके 5 कालिदास रोड स्थित बंगले पर मुलाकात की। किसानों का कर्ज माफ करने के फैसले के बाद योगी से अपोजिशन के किसी नेता की ये पहली मुलाकात है। राजनितिक एक्सपर्ट और सीनियर जर्नलिस्ट प्रदीप कपूर और ज्ञानेंद्र शुक्ला ने योगी-शिवपाल की मुलाकात के पीछे 3 कारण बताए हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर शिवपाल यादव और बीजेपी में से कोई भी एक दूसरे में इंटरेस्टेड है तो फिर घोटाले से भी शिवपाल बच सकते हैं। दरअसल, अखिलेश सरकार में यूपी के दो जरूरी विभाग सिंचाई और पीडब्ल्यूडी शिवपाल के ही पास थे। इन्हीं की निगरानी में कई बड़ी सड़कों का काम शुरू हुआ था,जिसकी अब जांच शुरू हो रही है। ऐसे में अगर बीजेपी और शिवपाल की नजदीकियां बढ़ती हैं तो जांच के दायरे से वह बाहर हो सकते हैं। सभी जानते हैं कि जब तक सपा अखिलेश यादव के हाथ में है, तब तक शिवपाल यादव के उभरने की संभावनाएं कम हैं। इसकी वजह ये है कि जरूरी मौकों पर मुलायम भी उनका साथ छोड़ते नजर आए हैं। वहीं, बसपा में भी उनका कोई स्कोप नहीं है। एक्सपर्ट के मुताबिक, शिवपाल के पास लोकदल चीफ बनने का अफिंर तो है, लेकिन यूपी में पार्टी का वजूद खत्म है। वहीं, बीजेपी के 2019 चुनाव जीतने के प्लान में पार्टी को मुलायम के गढ़ में एक ऐसा यादव नेता चाहिए, जो पूरी यादव कम्युनिटी को तो नहीं, लेकिन बड़ी संख्या में उनके वोट बटोर सके।