संस्कृति सम्मान समारोह में कलाकार हुए सम्मानित
किसी भी कला, संस्कृति और परम्परा के संरक्षण में समाज का अहम योगदान होता है। एक जागरूक समाज ही अपनी कला और संस्कृति का संरक्षण कर सकता है। राज्य सरकार कला, संस्कृति और साहित्य के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। अपनी माटी, अपने गांव के विकास में हम सभी को सहभागी बनना होगा। सरकार ने हिटो पहाड़ की अवधारणा को आगे बढाया है, जिसमें मेरा धन मेरा गांव योजना शुरू की गई है। यह बात मुख्यमंत्री हरीश रावत ने नगर निगम प्रेक्षागृह में उत्तराखण्ड फिल्म, टेलीविजन एण्ड रेडियो एसोसियेशन द्वारा आयोजित संस्कृति सम्मान एवं सांस्कृतिक सम्मान यात्रा-2015 के अवसर पर कही। मुख्यमंत्री रावत ने इस अवसर पर कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में योगदान देने वाले महानुभावों को सम्मानित भी किया।मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि राज्य सरकार कला, संस्कृति एवं साहित्य के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने 5 करोड़ रुपये के कारपस फण्ड से लोक गायक/कलाकार कल्याण कोष का गठन किया है। सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि 60 वर्ष से अधिक आयु के कलाकारों को पेंशन दी जायेगी। प्रदेश की फिल्म नीति को लागू किया जा रहा है। इसमें सभी कला एवं संस्कृति के क्षेत्र से जुड़े लोगों से सुझाव भी मांगे जा रहे है। प्रदेश में चार संग्रहालय स्थापित होंगे। वाद्य यंत्रों, पांडुलिपियों आदि के संरक्षण की दिशा में भी कदम उठाये गये है। राज्य गीत बनाने की दिशा में भी हमने निर्णय लिया है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रावत द्वारा कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले महानुभावों को सम्मानित भी किया गया। इनमें जागर गायक किशोरी लाल, कुमांउनी गायक नैननाथ रावत, गायक अनुराधा निराला, मास्टर करन रावत, लाखीराम टम्टा, कैलाश भट्ट, संगीता ढौडि़याल, प्रेम हिंदवाल, हरपाल रावत, अनिल कुमार भारती, हेमा नेगी करासी, संजय कुमोला, जसपाल पंवार, मिनाक्षी उनियाल, नागेन्द्र प्रसाद, वसुन्धरा नेगी, सुरेन्द्र राणा, मुकेश शर्मा, मोहनी ध्यानी पटनी, संजय सिलोड़ी, मनीष वर्मा व उर्मी नेगी आदि शामिल थे।कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री प्रीतम सिंह पंवार, सभा सचिव एवं विधायक शैलारानी रावत, मेयर विनोद चमोली, उत्तराखण्ड फिल्म, टेलीविजन एण्ड रेडियो एसोसियेशन के अध्यक्ष प्रदीप भण्डारी, संयोजक चन्द्रवीर गायत्री, कांता प्रसाद आदि उपस्थित थे।