सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किसान कल्याण योजना का किया शुभारंभ
पौड़ी | मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पीठसैंण, पौड़ी में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की पुण्यतिथि के अवसर पर उनके स्मारक का शिलान्यास किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने वर्ष 2022 तक प्रदेश में किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाते हुए पंडित दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना का शुभारंभ भी किया। इस योजना के तहत किसानों को 02 प्रतिशत की बेहद कम ब्याज दर पर एक लाख रुपए तक का बहुद्देशीय ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। योजना का प्रारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर 101 लघु सीमांत एवं गरीब किसानों को एक-एक लाख रुपए का बहुद्देशीय ऋण प्रदान किया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को पीठसैंण में पेशावर कांड के नायक व महान क्रांतिकारी वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली की पुण्य तिथि के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में पीठसैंण में पेशावर कांड के नायक की स्मृति में जिला योजना के अन्तर्गत वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्मारक तथा पार्क निर्माण और लोक निर्माण विभाग बैजरो के तहत 4 करोड़ 70 लाख 92 हजार की लागत से निर्मित मैखुली-देवराड़ी-कफलेख-कठूरखाल मोटर मार्ग के विस्तारीकरण का शिलान्यास किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने थलीसैंण में 74 लाख 99 हजार की लागत से निर्मित सैनिक विश्राम गृह का लोकार्पण भी किया। महाविद्यालय थलीसैंण में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने पेशावर काण्ड के नायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली को याद करते हुए कहा कि युवाओं को उनके आदर्शों का पालन कर आगे बढना होगा। उन्होंने पं.दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना का शुभारंभ करते हुए योजना के तहत लघु, सीमान्त एवं गरीब किसानों को मुहैया कराये जाने वाले विभिन्न लाभों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पहाड़ों में किसानों की आय में वृद्धि करने तथा उन्हें मिश्रित खेती करने के लिए योजना के तहत लाभान्वित किया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि जिला मुख्यालय पौड़ी में शीघ्र ही ग्रामीण विकास एवं पलायन आयोग का मुख्यालय स्थापित किया जाएगा। इसका आदेश जारी कर दिया गया है। पलायन आयोग की रणनीति के तहत पहाड़ के भौगोलिक बनावट के आधार पर उसे विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार पहाड़ में पलायन रोकने तथा स्वरोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि चीड़ की पत्तियों से तारपीन के तेल निकालने की योजना को जल्द ही क्रियान्वित किया जायेगा, जिसे देश के अलावा विदेशों में भी निर्यात किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों से 5 रूपये प्रति किलोग्राम की दर से पिरूल खरीदा जाएगा। इसके अलावा पहाड़ी सीमांत क्षेत्रों में अखरोट का वृहद स्तर पर उत्पादन किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश सरकार शीघ्र ही चार लाख पौध तैयार कर किसानों को निःशुल्क वितरित करेगी।