हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर होंगे खनन मुक्त जिला !
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर जिलों को खनन मुक्त करने की सम्भावनाओं पर कुछ बिंदुओं पर परीक्षण कर अपनी रिपोर्ट केबिनेट में प्रस्तुत करने के लिए मुख्य सचिव एन रविशंकर को निर्देशित किया है। यह जानकारी देते हुए सीएम के मीडिया प्रभारी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि मुख्य सचिव मुख्यतः तीन तथ्यों का परीक्षण करेंगे। प्रथम, इन दो जिलों को खनन मुक्त करने से राज्य की आय पर क्या प्रभाव पडे़गा और इसकी भरपाई के लिए क्या विकल्प हैं। द्वितीय, यदि नदियों में खनन पर रोक लगती है तो मलबा न निकलने से नदियों के प्रवाह व जीवनप्रणाली पर क्या प्रभाव पड़ेगा। इससे वनों व नदियों के किनारे रह रही आबादी पर क्या प्रभाव पडेंगे। तृतीय, नदियों से खनन न होने से निर्माण सामग्री पर क्या प्रभाव पड़ेगा और इससे भवन निर्माण की लागत कितनी बढ़ सकती है।मुख्यमंत्री रावत ने राज्य के सभी जिला मुख्यालयों को वाईफाई बनाने के लिए अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा को प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए हैं। रानीखेत, मसूरी को वाईफाई के लिए पहले ही निर्देशित किया जा चुका है। सीएम के मीडिया प्रभारी ने बताया कि सांसद राजबब्बर ने इसके लिए अपनी सांसद निधि देने पर सहमति व्यक्त की है। मण्डुवा, झिंगोरा, फाफर, चैलाय, रामदान आदि पारम्परिक जैविक फसलों से बने उत्पादों को कर मुक्त करने के लिए अपर सचिव दिलीप जावलकर को प्रस्ताव बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।