आज़ाद हुई सोसल मिडिया, आई टी एक्ट की धारा 66 A रद्द
याचिकाकार्ता श्रेया सिंघल की याचिका पर फैसले देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला लिया है | कोर्ट का कहना था की धारा 66 A सम्विधान में दी गयी अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता पर अतिक्रमण है | आपको बताते चले की अब तक इसी धारा का प्रयोग करते हुए, फेसबुक या ट्विटर पर की गई टिप्पणी पर लोगो को गिरफ्तार किया जाता था |
गौरतलब है की 2012 में महाराष्ट्र में बालासाहेब की मृत्यु के बाद दो लडकियों ने फेसबुक पर एक विवादित टिप्पणी की थी | जिस पर कार्यवाही करते हुए, उन लडकियों को गिरफ्तार किया गया | उनकी गिरफ्तारी के बाद ही श्रेया सिंघल ने सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दाखिल की थी |
इस फैसले पर समाजिक कार्यकर्ताओ का कहना है की यदि यह कानून नही समाप्त होता तो लोग सोसल मिडिया पर कुछ भी कहने से डरते, क्युकी उन्हें लगता की उनको जेल जाना पड़ सकता है | अभी हाल ही इस धारा के कारण बढती गिरफ्तारियो को देखते हुए, कहा जा सकता है की यह फैसला ऐतिहासिक सिद्ध होगा |