किसी और माँ का गोद सुनी ना हो इस लिए …..
अपने शहर और समाज की भलाई में जुटे अनेक अच्छे लोग अपना कार्य बखूबी कर रहे हैं। उन्ही में से एक दूसरों की मदद कर रही हैं और मिसाल कायम कर रही हैं टीएचए की डोरिस फ्रांसिस के बारे में। हादसे में अपनी बेटी खोने के बाद डोरिस ने मां का फर्ज निभाया और सड़कों पर ट्रैफिक संभालने में जुट गईं ताकि हादसे के कारण किसी और मां की गोद सूनी न हो। डोरिस बताती हैं कि साल 2008 का वह दिन उन्हें अच्छी तरह याद है जब अपनी कार में हंसते-हंसते पूरा परिवार कहीं जाने के लिए निकला था लेकिन जब लौटे तो बेटी साथ नहीं थी। उनका ऐक्सिडेंट हुआ था, जिसमें बेटी चल बसी। उसके बाद जब भी सड़कों की ओर देखती तो यही सोचती कि ये दौड़ते-भागते वाहन किसी और मां की गोद सूनी न कर दें। इसके लिए वह ट्रैफिक संभालने में जुट गयी साथ ही सड़क पार करने से लेकर अनेक सावधानियां युक्त कार्य कर रही है |