Breaking News:

भारत में “कीट” का टाइम्स हायर एजुकेशन इनॉगरल इंटरडिसिप्लिनरी साइंस रैंकिंग में चौथा सर्वश्रेष्ठ स्थान -

Monday, November 25, 2024

आखिर क्यों डॉक्टर मुकुल शर्मा ने ऋषिकेश में रखा मौन व्रत, जानिए खबर -

Monday, November 25, 2024

उत्तराखंड को आईपीएस दीपम सेठ के रूप में मिले नए डीजीपी, जानिए खबर -

Monday, November 25, 2024

खिलाडी एवं कोच डॉ विरेन्द्र सिंह रावत नेशनल गेम्स 2024 को लेकर कही बड़ी बात, जानिए खबर -

Monday, November 25, 2024

सांख्य योग फाउंडेशन के अभियान को दून के प्रबुद्ध नागरिकों ने दिया समर्थन, जानिए क्या है अभियान -

Saturday, November 23, 2024

उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा 2025 : 16 जनवरी से 15 फरवरी चलेगा प्रैक्टिकल परीक्षा -

Saturday, November 23, 2024

संयुक्त नागरिक संगठन ने नशे एवं तेज गति से वाहन चलाने की बढ़ती प्रवृत्ति पर जताई चिंता, किया गोष्ठी -

Friday, November 22, 2024

जेईई परीक्षा : अब 3 नहीं 2 बार ही दे सकेंगे एग्जाम, जानिए खबर -

Tuesday, November 19, 2024

देहरादून : रंगोली और बैनर प्रतियोगिता का आयोजन उज्जवल शिखर जनकल्याण ट्रस्ट द्वारा किया गया -

Monday, November 18, 2024

उत्तराखंड के सभी स्कूलों में पढ़ाई और छुट्टियों का समय होगा एक समान, जानिए खबर -

Monday, November 18, 2024

देहरादून : राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर जिला सूचना कार्यालय में गोष्ठी का हुआ आयोजन -

Monday, November 18, 2024

बच्चों को भिक्षावृत्ति से हटाकर शिक्षा से जोड़ा जाएगा: डीएम देहरादून -

Sunday, November 17, 2024

देहरादून में साउथ अफ्रीका की छात्रा के साथ सूडान के छात्र के किया बलात्कार, मुकदमा दर्ज -

Sunday, November 17, 2024

केदारनाथ सीट पर उपचुनाव में मुकाबला हुआ रोचक, जानिए खबर -

Sunday, November 17, 2024

महाभियान का शुभारम्भ, जानिए खबर -

Sunday, November 17, 2024

हम सब ने यह ठाना है इस अभियान को बढ़ाना है “ना ड्रग्स लेंगे और ना लेने देंगे” -

Sunday, November 17, 2024

डा चतुर्वेदी द्वारा स्वामी राम तीर्थ परिसर स्थित लाइब्रेरी में पुस्तक भेट किया -

Friday, November 15, 2024

ऋषिकेश में बाइक हादसे में यूट्यूबर की मौत, दूसरा युवक गंभीर रूप से घायल -

Wednesday, November 13, 2024

बेरोजगार आंदोलन को फंडिंग करने वालों व पत्थरबाजों को बेनकाब करो सरकारः मोर्चा -

Wednesday, November 13, 2024

40 हजार को बता दिया 400 करोड़ का घोटालाः अनिल कुमार यादव -

Tuesday, November 12, 2024



एक रिपोर्ट : 2023 में चारधाम यात्रा क्षेत्र में 80 लाख पर्यटक

CharDhamTour

एसडीसी फाउंडेशन ने जारी की एक रिपोर्ट

देहरादून । एसडीसी फाउंडेशन ने राज्य के चारधाम और इससे लगते क्षेत्रों में आने वाले पर्यटकों के रुझान को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। ‘एनालाइजिंग द टूरिस्ट पैटर्न इन चारधाम रीजन ऑफ उत्तराखण्ड’ शीर्षक से यह रिपोर्ट भारतीय सांख्यिकी संस्थान बेंगलुरु की छात्रा अभिति मिश्रा ने एसडीसी के सह संस्थापक आशुतोष कंडवाल के मार्गदर्शन में तैयार की है। रिपोर्ट मुख्य रूप से उत्तराखंड के चार धामों केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री के साथ ही श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, जोशीमठ और उत्तरकाशी शहरों में पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या का आधार बनाकर तैयार की गई है। विश्लेषण प्रणाली का इस्तेमाल करते हुए रिपोर्ट में 2019 से 2023 तक के पांच वर्षों की अवधि में इस क्षेत्र में पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या का अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट में 2013 की प्राकृतिक आपदा के बाद पर्यटकों की संख्या में आई गिरावट और बाद में उसकी रिकवरी संबंधी तथ्यों का भी अध्ययन किया गया है। रिपोर्ट कहती है कि 2021 में राज्य में आने वाले कुल पर्यटकों में से 16.36 प्रतिशत श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, जोशीमठ और उत्तरकाशी पहुंचेंगे। 2020 में चारधाम यात्रा क्षेत्र में 55 लाख पर्यटक पहुंचेंगे, जबकि 2023 में 80 लाख पर्यटकों के इस क्षेत्र में पहुंचने की संभावना है। पिछले 19 वर्षों में चारधाम यात्रा क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों की संख्या पर गौर करें तो 2012 में सर्वाधिक 55.3 लाख पर्यटक यहां पहुंचे। 2013 की आपदा के बाद पर्यटकों की संख्या में 93 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। 2014 में मात्र 8.4 लाख पर्यटक ही चारधाम पहुंचे। यह पिछले 19 वर्षों की सबसे कम संख्या थी। इसके बाद में सालों में धीरे-धीरे पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई और 2016 से 2018 के बीच पर्यटकों की संख्या में 18 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि हुई। हालांकि इस क्षेत्र में आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या बहुत कम है। यह संख्या कभी भी 1 प्रतिशत से अधिक नहीं बढ़ पाई। आशुतोष कंडवाल का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में देखा गया है कि पर्यटकों की संख्या बढ़ जाने से इस क्षेत्र में व्यवस्थाएं चरमरा जाती हैं और अन्य व्यवस्थाओं के साथ ही कचरा प्रबंधन की समस्या भी खड़ी हो जाती है। वे कहते हैं कि यह रिपोर्ट चारधान यात्रा से पर्यटन से जुड़ी सरकारी एजेंसियों, नीति निर्माताओं और जिला अधिकारियों को यात्रियों की संख्या को समायोजित करने और कचरा प्रबंधन की बेहतर व्यवस्था करने में सहायक सिद्ध होगी। वे कहते हैं कि यात्रा सीजन में कचरे का अवैज्ञानिक और अनियोजित निपटान चिन्ता का विषय है और हाल के वर्षों में इस तरह के सवाल खड़े हुए हैं। एसडीसी फाउंडेशन रिपोर्ट को संबंधित अधिकारियों के साथ साझा करेगी। 

Leave A Comment