तब की स्वतंत्रता दिवस और अब की स्वतंत्रता दिवस
देश को स्वतंत्रता मिलने के बाद देश के लोग उस पल को गर्व से संजोने के लिए हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते है | बीस साल पहले स्वतंत्रता दिवस के मायने और वर्तमान समय में स्वतंत्रता दिवस के मायने में अन्तर साफ दिखाई पड रहा है | पहले समय में स्कूलो-कालेजो के साथ साथ सरकारी दफ्तरों में स्वतंत्रता दिवस के दिन से एक माह पहले ही आजादी मनाने के लिए तैयारिया जोरो शोरो से शुरू हो जाया करती थी |जहां स्कूलों में छात्र – छात्राए प्रातः काल में ही ड्रेस की तैयारी कर के स्कूलों द्वारा निकलने वाले प्रभात फेरीयो में सम्मलित होते थे तत पश्चात अनेको देशभक्ति सांस्कृतिक कार्यक्रम के द्वारा पूरा देश देशभक्ति की भावना में समाहित हो जाते थे |लेकिन वर्तमान समय में स्वतंत्रता दिवस के दिन स्कूल-कॉलेजो के साथ साथ अन्य सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों में जो भी कार्यक्रम किया जाता है वह कितना देश के प्रति भक्ति दिखाई पड़ती है यह सबके सामने है | देश के आने वाले नए पीढ़ी के लिए हमे स्वतंत्रता के महत्व को बतलाना होगा जो हम स्कूल-कॉलेजो के माध्यम से ही स्वतंत्रता के महत्व को उनके बीच दर्शाया जा सकता है |जिससे उनमे देशभक्ति का जूनून बरकरार रहे |
संपादक (अरुण कुमार यादव )